नगेशिया–असुर आदिम जनजाति पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा संकट से जूझ रही ग्रामीणों ने जल मीनार व नल-जल योजना की जांच की मांग उठायी फोटो. अपनी व्यथा बताते ग्रामीण फोटो.दूर से पानी लायी महिलाएं फोटो.परेशान लोग फोटो.बदहाल स्थिति संदीप साहू, किस्को किस्को प्रखंड क्षेत्र के पाखर पंचायत के डहरबाटी, पाखर सहित दर्जनों गांव आजादी के 78 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं. प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में अपनी समस्याएं बताते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत क्षेत्र में नगेशिया व असूर आदिम जनजाति के लोग आज भी पानी, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन जीने को विवश हैं. ग्रामीणों ने बताया कि स्वच्छ पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण आज भी लोग चुआँ, नाला और नदी का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. स्थानीय निवासी श्याम किशोर नगेशिया, पंकज नगेशिया, सुखनाथ नगेशिया, संदीप नगेशिया सहित अन्य लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य हर घर तक नल से जल पहुचाना था. लेकिन पाखर पंचायत के अधिकांश गांवों में नल से पानी पहुंचना तो दूर, पीने का साफ पानी भी उपलब्ध नहीं है. गर्मी के दिनों में यह संकट और बढ़ जाता है। बरसात में बारिश के कारण पानी और अधिक गंदा हो जाता है, जिससे ग्रामीण कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. लोग रोज सुबह उठते ही पानी की तलाश में निकल जाते हैं और नदी-नाला या चूआँ से पानी लाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि डहरबाटी के बहरा कोना, अखड़ा टोला, आंगनबाड़ी टोला, पाखर, बांग्ला पाठ, सरना पाठ सहित कई गांवों में जल मीनार बनाकर पेयजल की व्यवस्था करने की मांग की जा रही है. उनका कहना है कि कुछ स्थानों पर पानी की टंकी तो लगा दी गयी है, लेकिन उसमें पानी नहीं आता. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से हर घर नल-जल योजना यहां दम तोड़ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि पाखर इलाका हिंडाल्को कंपनी के लिए सबसे अधिक बॉक्साइट खनन क्षेत्र है, लेकिन कंपनी केवल दोहन करती है, समाज के विकास के लिए कुछ नहीं करती. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सीएसआर के नाम पर भी कंपनी घोटाला कर रही है और क्षेत्र के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है.
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