कुड़ू़ प्रखंड के उडुमुड़ू पंचायत के बडमारा गांव के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन की अनदेखी के बीच अपने दम पर मिसाल पेश की है. आरजू-मिन्नत के बावजूद जब गड्ढों में तब्दील सड़क की मरम्मत नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर और श्रमदान से लगभग एक किलोमीटर जर्जर कच्ची सड़क को पैदल और बाइक के चलने लायक बना दिया. गांव पहाड़ की तलहटी में बसा है और बांध आम पेड़ से देशवाली तक की सड़क पूरी तरह टूट चुकी थी. खेतों से सब्जी और धान की फसल घर तक लाने में किसानों को भारी परेशानी हो रही थी. ग्रामीण राजेंद्र उरांव, बनेश्वर उरांव, महावीर उरांव, रमेश भगत, पंकज मुंडा, दीपक मुंडा, लक्ष्मण साहू, जयदेव मुंडा, प्रमोद शाही, लाल यादव, परना यादव समेत अन्य ने बताया कि सड़क निर्माण की मांग मुखिया, पंचायत सचिव और बीडीओ से कई बार की गयी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. गांव में बैठक कर निर्णय लिया गया कि आपसी सहयोग से सड़क की मरम्मत की जायेगी. पुरुष कुदाल लेकर और महिलाएं कढ़ाही लेकर सड़क पर उतरीं और गड्ढों को भरकर सड़क को दुरुस्त कर दिया. अब ग्रामीणों को खेतों से फसल लाने में राहत मिलेगी. प्रभारी बीडीओ सह सीओ संतोष उरांव ने ग्रामीणों के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि पंचायत मद से सड़क मरम्मत का प्रस्ताव तैयार कराया जायेगा.
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