लोहरदगा़ जिले में सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ को लेकर हर तरफ उत्साह और भक्ति का माहौल है. जिलेभर के व्रती खरना से पूर्व अपने घरों से निकलकर नदियों, तालाबों और अन्य जलाशयों में पहुंच रहे हैं. वे छठी मैया को आमंत्रित कर मन्नतें मांगते हुए किसी भी बाधा से मुक्ति की प्रार्थना कर रहे हैं. हर ओर भक्ति गीतों और लोकधुनों की गूंज है, जिससे उत्सव का रंग और भी गहरा हो गया है. छठ व्रतीयों के परिवार के सदस्य पूजा में लगने वाले फलों, सूप-दउरा और अन्य सामग्री की खरीदारी में जुटे हैं. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में दुकानदारों ने व्रतियों की सुविधा के लिए फलों और सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की है. लोग खरीदारी करते समय हर्ष और श्रद्धा दोनों के भाव व्यक्त कर रहे हैं. छठ घाटों को सजाया गया : पूजा समितियों ने छठ घाटों को सजाया है और श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा है. घाटों पर रंग-बिरंगी विद्युत सजावट और स्वच्छ वातावरण व्रतियों का मन मोह रहे हैं. पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा और सफाई की कड़ी व्यवस्था की है ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से पूजा कर सकें. रविवार को विभिन्न समिति और संगठनों ने व्रतियों के बीच केतारी, नारियल और फल, दूध का वितरण कर आस्था का संदेश फैलाते नजर आयें. खरना के बाद लोग खीर का प्रसाद ग्रहण करने व्रतियों के घर पहुंचे और सामूहिक श्रद्धा का अद्भुत नजारा देखने को मिला. सोमवार को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पित करेंगे़ मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पण करने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा. पूरे जिले में इस पर्व को लेकर उत्साह, भक्ति और सौहार्द का वातावरण छाया हुआ है, जो लोकजीवन और सांस्कृतिक परंपराओं की महत्ता को उजागर करता है.
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