Jamshedpur news.
गुरुवार को सीएसआइआर-एनएमएल में वैज्ञानिक एवं अभिनव अनुसंधान अकादमी (एसीएसआइआर) के 13वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. एसीएसआइआर-एनएमएल विज्ञान क्लब द्वारा आयोजित इस समारोह का उद्घाटन एनएएमआइटी हटिया रांची के निदेशक प्रोफेसर पीपी चट्टोपाध्याय, सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डॉ संदीप घोष चौधरी, मुख्य वैज्ञानिक और समन्वयक डॉ केके साहू, एसीएसआइआर-एनएमएल के साइंस क्लब के अध्यक्ष रोशन कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. स्वागत भाषण सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डॉ संदीप घोष चौधरी ने दिया. उन्होंने सीएसआइआर-एनएमएल में एसीएसआइआर की यात्रा के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य शोधकर्ताओं के लिए विश्व स्तरीय शैक्षणिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना था. डॉ चौधरी ने अनुसंधान प्रयोगशाला और उद्योग के बीच की खाई को जोड़ने के लिए सीएसआइआर और एसीएसआइआर के बीच समझौता ज्ञापन के महत्व का उल्लेख किया, ताकि इसे ज्ञान सृजन और तकनीकी परिवर्तन का केंद्र बनाया जा सके. उन्होंने वैश्विक मंच पर अमूल्य योगदान के लिए सभी छात्रों, पूर्व छात्रों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया.इंजीनियरिंग अनुसंधान के क्षेत्र और संभावनाओं पर चर्चा
वहीं प्रो पीपी चट्टोपाध्याय ने इंजीनियरिंग अनुसंधान के क्षेत्र और संभावनाओं के बारे में चर्चा की. उन्होंने कहा कि औद्योगिक और ज्ञान क्षेत्र को अलग-अलग केंद्रित करके एक सह-कार्यशील पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करने से ही स्थायी परिणाम प्राप्त होंगे. प्रो चट्टोपाध्याय ने ज्ञान को प्रौद्योगिकी में परिवर्तित करने के लिए वैकल्पिक और अनुवादात्मक दृष्टिकोण तथा अनुसंधान क्षेत्रों में सहक्रियात्मक और मॉड्यूलर समाधान पर बल दिया. एसीएसआइआर, एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक एवं समन्वयक डॉ केके साहू ने समग्र रूप से एसीएसआइआर और एसीएसआइआर-एनएमएल की उपलब्धियों के बारे में जानकारी साझा की. डॉ साहू ने एसीएसआइआर के अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग पर भी बल दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

