नवजात शिशु को सीपीआर देने की भी विधि बतायी
Jamshedpur News :
न्यू इलेक्ट्रिक लोको शेड, टाटानगर में शुक्रवार को रेल सिविल डिफेंस की ओर से बेसिक लाइफ सपोर्ट, हृदय एवं फेफड़ों को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया (सीपीआर) और विदेशी वस्तु से वायु मार्ग अवरोध (एफबीओ) की स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया. कार्यक्रम में स्लाइड प्रस्तुति और मॉक ड्रिल के जरिये रेलकर्मियों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तकनीक सिखायी गयी. सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की आकस्मिक मृत्यु का एक प्रमुख कारण विदेशी वस्तु से सांस रुकना है. इस स्थिति में “हेमलिच पैतरेबाजी” जीवनरक्षक साबित हो सकती है. उन्होंने इसकी विधि को लाइव डेमो के माध्यम से समझाया. प्रशिक्षण के दौरान रेलकर्मियों को सिखाया गया कि किसी व्यक्ति को सांस रुकने, दिल की धड़कन बंद होने या बिजली के झटके जैसी स्थिति में तत्काल सीपीआर देना चाहिए. सीपीआर के तीन मूल ‘सी’ – जांचें (चेक), बुलाएं (कॉल) और देखभाल करें (केयर) पर जोर दिया गया. प्रशिक्षकों ने नवजात शिशु को सीपीआर देने की विधि भी प्रदर्शित की. सिविल डिफेंस प्रदर्शनकर्ता रमेश कुमार ने जीवंत मॉक ड्रिल कर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया. कार्यक्रम में वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (सामान्य) आरएन महतो, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता, और इलेक्ट्रिक लोको शेड के कई कर्मचारी उपस्थित थे. अंत में श्री महतो ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण जीवनरक्षक साबित होते हैं और प्रत्येक कर्मचारी को इन तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

