24 अक्तूबर को फ्रांस की पांच सदस्यीय टीम करनडीह-किनुडीह टोला का करेगी दौरा
Jamshedpur News :
आदिवासी जीवन की झलक जानने को लेकर अब विदेशी भी उत्सुक हैं. इसी क्रम में फ्रांस की एक पांच सदस्यीय टीम 24 अक्तूबर को शहर का दौरा करेगी. यह टीम संताल आदिवासियों की जीवनशैली, खान-पान, संस्कृति, पर्व-त्योहार, पहनावा और मिट्टी के घरों की बनावट का नज़दीक से अध्ययन करेगी. इस दौरान वे जमशेदपुर के करनडीह और किनूडीह गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात करेंगे. अध्ययन के उद्देश्य से विदेशी दल पूरे दिन गांव में रहकर संताल समुदाय की परंपरागत जीवनशैली को प्रत्यक्ष रूप से देखने और अनुभव करने का काम करेगा.मिट्टी के घरों और पेंटिंग से प्रभावित हैं विदेशी
किनूडीह निवासी और मशहूर सोहराय पेंटिंग विशेषज्ञ रैयत सोरेन ने बताया कि फ्रांस से आने वाली टीम संताल समाज की कला, संस्कृति और उनके पर्यावरण से जुड़ी जीवनशैली से बहुत प्रभावित हैं. मिट्टी से बने घर, उनके रख-रखाव के तरीके और प्राकृतिक जीवन दृष्टिकोण विदेशी शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन का विशेष विषय है. रैयत सोरेन ने कहा कि संताल आदिवासियों की सादगी, पारंपरिक परिधान, सामूहिकता और लोकगीतों में निहित प्रकृति के प्रति गहरा संबंध विदेशियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

