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भिड़े हाथी, शिशु हाथी की मौत, कोंकादासा स्थित घुसीझरना जंगल के आसपास रात दस बजे टकराव
हाथियों की चिघाड़ से घंटों गूंजता रहा जंगल, सहमे रहे ग्रामीण दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में दो या उससे अधिक हाथियों के बीच बुधवार की रात टकराव का गवाह कोंकादासा स्थित घुसीझरना जंगल के आसपास रहने वाले लोग बने. रातभर जंगल में हाथियों के चिघाड़ने की आवाज आती रही. ग्रामीणों से मिली सूचना पर वन […]
हाथियों की चिघाड़ से घंटों गूंजता रहा जंगल, सहमे रहे ग्रामीण
दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में दो या उससे अधिक हाथियों के बीच बुधवार की रात टकराव का गवाह कोंकादासा स्थित घुसीझरना जंगल के आसपास रहने वाले लोग बने.
रातभर जंगल में हाथियों के चिघाड़ने की आवाज आती रही. ग्रामीणों से मिली सूचना पर वन विभाग के रेंज ऑफिसर आरपी सिंह दल बल के साथ सुबह मौके पर पहुंचे, तो शिशु हाथी का शव पड़ा देखा.
आरपी सिंह ने बताया कि रात दस बजे ग्रामीणों ने भगदड़ जैसी स्थिति होने की सूचना दी. ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के झुंड के बीच झगड़ा हो रहा था, अथवा क्या हो रहा था वह नहीं देख सके. सुबह माहौल शांत था और एक शिशु हाथी मरा पड़ा था. आरपी सिंह ने पोस्टमार्टम कराकर नर शिशु हाथी का अंतिम संस्कार करा दिया.
रेंज ऑफिसर ने बताया कि आसपास के क्षेत्र का मुआयना करने पर यह प्रतीत होता है हाथियों के बीच भागा-भागी और छीना-झपटी की स्थिति रही होगी. बारिश का मौसम होने से मिट्टी दलदली थी, इस कारण हाथियों के पांव के निशान चारों ओर देखे गये और कीचड़ फैला हुआ था.
रेंज ऑफिसर के अनुसार हाथियों के बीच झगड़ा होने की बात सही प्रतीत होती है और हाथियों के हमले में ही शिशु हाथी की मौत हो गयी है. रेंज ऑफिसर ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सही स्थिति का पता चलेगा. हालांकि दो हाथियों के बीच युद्ध होने की बात प्रतीत हो रही है और मृत शिशु हाथी के शरीर पर भी चोट के निशान पाये गये है.
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