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झारखंड में फर्जी डॉक्टर धड़ल्ले ले चला रहे हैं निजी अस्पताल, दो लोग गिरफ्तार, निबंधन रद्द

झारखंड में फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों द्वारा संचालित निजी क्लिनिक और अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं. रांची में गिरफ्तार फर्जी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार सिन्हा हजारीबाग के राजा बंगला परिसर और नूरा रोड में दो जगहों पर मां नर्सिंग होम नाम से दो सेंटर का संचालन कर रहा था

रांची: झारखंड में फर्जी डॉक्टरों द्वारा इलाज करने और अस्पताल चलाने का मामला बढ़ता ही जा रहा है, ऐसे कई फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टर राज्य में है जो निजी क्लिनिक और अस्पताल धड़ल्ले से चला रहे हैं. हजारीबाग के उज्ज्वल कुमार सिन्हा नामक एक व्यक्ति इसी तरह दो जगहों पर निजी नर्सिंग चलाते पकड़ा गया है. उनका नर्सिंग होम राजा बंगला परिसर और नूरा रोड पर स्थित है. फर्जी कागजात पर उसने न केवल स्वास्थ्य विभाग से नर्सिंग होम का निबंधन करा लिया, बल्कि बैंकों से लाखों का लोन भी पास करा लिया.

मामला उजागर होने पर सिविल सर्जन ने दोनों नर्सिंग होम के संचालन का सर्टिफिकेट रद्द कर दिया है. दूसरी ओर कोडरमा के झुमरी तिलैया का फर्जी डॉक्टर वेद प्रकाश द्विवेदी ऑन कॉल मरीजों का न केवल इलाज करता था, बल्कि जरूरत पड़ने पर उनका ऑपरेशन भी करता था.

हजारीबाग स्थित मां नर्सिंग होम में सामान्य मरीजों के इलाज के साथ ही सिजेरियन ऑपरेशन और सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज होता था. यहां एनेस्थिसिया से लेकर बड़े सर्जन ऑन कॉल आते थे. पिछले पांच वर्षों से दोनों नर्सिंग होम चल रहे थे. इसके लिए कई एजेंटों को मोटी कमीशन राशि मिलती थी, जो मरीजों को विभिन्न प्रखंडों व गांव से यहां लेकर आते थे.

ऐसे हुआ मामले का खुलासा :

उज्ज्वल कुमार सिन्हा और वेद प्रकाश द्विवेदी फर्जी प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन में लगाकर झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद में खुद को एमबीबीएस डॉक्टर के रूप में निबंधित कराने की फिराक में था. इसके लिए 21 मई 2022 को झारखंड मेडिकल काउंसिल में आवेदन जमा किया था.

चार जून 2022 को काउंसिल में प्रस्तुत प्रमाण पत्रों के सत्यापन के क्रम में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद की शिकायत पर फर्जी डॉक्टरों वेद प्रकाश द्विवेदी (कोडरमा) और हजारीबाग के उज्ज्वल कुमार सिन्हा को रविवार की शाम जेल भेज दिया गया. दोनों पर ठगी, जालसाजी व धोखाधड़ी की धारा के तहत लोअर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

मामला उजागर होने पर जिले के सिविल सर्जन ने रद्द किया नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन

फर्जी कागजात के सहारे नर्सिंग होम का कराया था रजिस्ट्रेशन, जेल भेजे गये फर्जी डॉक्टर

यह पहला मामला नहीं है. राज्य भर में फर्जी नेम प्लेट पर विदेशी डिग्री का तमगा लगाकर ऐसे फर्जी डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं. इस तरह के गलत लोगों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई होनी जानी चाहिए.

डॉ बिमलेश सिंह, निबंधक सह सचिव, झारखंड राज्य चिकित्सा पर्षद

नर्सिंग होम को बंद करा दिया गया है. नियमों के तहत आगे की कार्रवाई की जायेगी. मामले की पड़ताल चल रही है. नर्सिंग होम खोलने के लिए जमा किये गये कागजात की जांच होगी.

डॉ सूरज सिंह, सिविल सर्जन हजारीबाग

Posted By: Sameer Oraon

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