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गुमला को रेलवे लाइन से जोड़ने का सर्वे शुरू
दुर्जय पासवान गुमला : गुमला रेलवे के मानचित्र से जुड़ेगा. इसकी पहल शुरू हो गयी है. गुमला को रेल लाइन से जोड़ने के लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर सेक्शन के चीफ ऑपरेशन मैनेजर जीएमएस नायडू ने गुमला डीसी को पत्र भेजा है, जिसमें श्री नायडू ने डीसी से गुमला […]
दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला रेलवे के मानचित्र से जुड़ेगा. इसकी पहल शुरू हो गयी है. गुमला को रेल लाइन से जोड़ने के लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है. दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर सेक्शन के चीफ ऑपरेशन मैनेजर जीएमएस नायडू ने गुमला डीसी को पत्र भेजा है, जिसमें श्री नायडू ने डीसी से गुमला से गुजरने वाली रेलवे लाइन की स्थिति की जानकारी मांगी है.
दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे से मांगी गयी रिपोर्ट के बाद गुमला जिला प्रशासन गंभीर हो गया है. डीसी श्रवण साय ने गुमला जिला अंतर्गत गुमला, रायडीह, भरनो व चैनपुर सीओ को पत्र भेज कर भौगोलिक बनावट व क्षेत्र की पूरी जानकारी देने के लिए कहा है. इस संबंध में डीसी श्रवण साय ने कहा है कि रिपोर्ट आने केबाद इसे रेलवे विभाग को सौंपा जायेगा. रेलवे से पत्र मिलने के बाद सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है.
उल्लेखनीय है कि गुमला जिला के लोग आजादी के बाद से ही ट्रेन चलने का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए कई बार आंदोलन भी हुआ. आंदोलनों के माध्यम से लोग इस मुद्दा को उठाते रहे, लेकिन अभी तक गुमला रेल लाइन से नहीं जुड़ा है. इधर, दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे की पहल से एक बार पुन: गुमला के रेल लाइन से जुड़ने की उम्मीद जगी है.
41 वर्ष से चल रहा है आंदोलन
41 वर्षों से गुमला के लोग रेल लाइन बिछने का सपना देख रहे हैं. कोरबा से लोहरदगा तक कई बार सर्वे हुआ, लेकिन आज भी जशपुर, रायगढ़, कोरबा व गुमला के लोगों का सपना पूरा नहीं हुआ है. रेल लाइन बिछती है, तो झारखंड व छत्तीसगढ़ की दूरियां कम होगी. उद्योग की संभावना बढ़ेगी और बेरोजगारी कम होगी.
रोजगार के अवसर खुलेंगे
कोरबा वाया जशपुर, गुमला से लोहरदगा तक लाइन बिछ जाती है, तो लोगों को काफी सुविधा होगी़ कोरबा व लोहरदगा जिला में उद्योग हैं. यहां से कच्चे माल की ढुलाई आसानी से होगी. साथ ही यहां के बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे. किसानों द्वारा उपजायी गयी सब्जी छत्तीसगढ़ भी आसानी से भेजी जा सकती है़
345 किमी लंबा होगा रेल लाइन
डिप्टी चीफ ऑपरेशन मैनेजर जीएमएस नायडू के पत्र के अनुसार, कोरबा से रांची (कुल 345 किमी) भाया धरमजयगढ़, जशपुर, गुमला व पलमा रेलवे लाइन को जोड़ा जाना है. इसकी प्राथमिक स्वीकृति मिल गयी है. श्री नायडू ने लोदाम, रायडीह, गुमला, भरदा, गुरूंगा व भरनो से संबंधित विभिन्न 10 बिंदुओं पर ट्रैफिक रिपोर्ट शीघ्र मांगी है़ बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की ओर से रेल मंत्रालय को रिपोर्ट मिलने के बाद तकनीकी तौर पर रेल बजट में इसकी घोषणा कर गुमला को रेल लाइन से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी़
10 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है
नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष मुनेश्वर साहू ने बताया कि दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे द्वारा 10 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गयी है. इसमें गुमला की ट्रैफिक रिपोर्ट है. लाइन के दोनों ओर 25 किमी की चौड़ाई को कवर करने वाली आबादी व उनकी सामाजिक, आर्थिक, व्यापारिक एवं फसल चक्र की स्थिति के अलावा स्पेशल व मल्टी इकोनॉमिक जोन, बड़े उद्योगों के लाइसेंस से जुड़े प्रस्ताव के साथ ही पर्यटन विकास व खनन गतिविधि के अतिरिक्त कोल, लौह अयस्क, सीमेंट फैक्टरी समेत खाद्य एवं उर्वरक तथा पेट्रोलियम तेल संबंधी गतिविधियों की स्पष्ट रिपोर्ट की मांग शामिल है.
पहली बार 1975 में मांग उठी थी
झारखंड व छत्तीसगढ़ राज्य की दूरियों को कम करने व रेल सुविधा को लेकर सर्वप्रथम 1975 में कोरबा से रांची जिला तक रेल लाइन बिछाने की मांग उठी थी. लेकिन रांची से कोरबा की दूरी को देखते हुए अंत में कोरबा से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछाने की मांग उठने लगी. यह मांग अभी भी अनवरत जारी है. दोनों राज्य के सांसद व विधायक ने कई बार रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे कराये, लेकिन सर्वे तक ही रेल लाइन सिमट कर रह गयी है.
सांसदों ने रेल लाइन की मांग रखी है
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के सांसद विष्णुदेव साय व झारखंड के लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत कोरबा भाया गुमला से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछाने की मांग को लेकर गंभीर हैं. सांसदों ने गुमला, लोहरदगा, जशपुर, रायगढ़ व कोरबा जिले के लोगों से वादा किया है कि कोरबा से लोहरदगा तक रेल लाइन बिछा कर ही दम लेंगे. इसके लिए वे कई बार केंद्रीय मंत्री से बात कर चुके हैं.
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