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Giridih News :लगातार हो रही बारिश से सड़ने लगा धान का बिचड़ा, किसान मायूस

Giridih News :बिरनी प्रखंड में लगभग 20 दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसान मायूस हैं. खेतों में पानी भरने से धान का बिचड़ा सड़ने लगा है. इसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि मूसलाधार हो रही बारिश ने परेशान कर रखा है. अभी धान रोपाई का समय था, लेकिन धान का बिचड़ा सड़ने से पुन: बीज लगाना पड़ रहा है.

बिरनी प्रखंड में 75 फीसदी खेत पड़े हैं परती, आर्थिक नुकसान से कृषक चिंतित

बिरनी प्रखंड में लगभग 20 दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसान मायूस हैं. खेतों में पानी भरने से धान का बिचड़ा सड़ने लगा है. इसके कारण किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि मूसलाधार हो रही बारिश ने परेशान कर रखा है. अभी धान रोपाई का समय था, लेकिन धान का बिचड़ा सड़ने से पुन: बीज लगाना पड़ रहा है. इससे काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. किसानों का कहना है कि वह वर्षा आधारित धान की खेती करते हैं. लोग जैसे-तैसे कर्ज लेकर खेतों में हजारों रुपये खर्च कर हाइब्रिड बीज लगाया था, लेकिन लगातार हो रही बारिश ने सब बर्बाद कर दिया. खेतों में पानी जमा है और बिचड़ा पीला पड़ गया या फिर अंकुरित होने से पूर्व सड़ने लगा है. अब समझ नहीं आ रहा कि क्या करें.

क्या कहते हैं किसान

पड़रिया पंचायत के मुरैना निवासी लखन महतो ने कहा कि एक एकड़ खेत में हाइब्रिड धान का बीज लगाया था. इस पर चार-पांच हजार रुपये खर्च हुआ. बिचड़ा सड़ने से काफी नुकसान हो रहा है. धान का बिचड़ा तैयार नहीं हो पाने के कारण किसान के खेतों में पानी रहने के बावजूद धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं. दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. कहा कि 65 सौ रुपये का धान बीज लगाया था, जो सड़ गया है. पुनः चार हजार रुपये का बीज दो दिन पूर्व खेत में बोया हूं. लगभग चार हजार रुपये की क्षति हुई है. वहीं मुरैना निवासी लोकनाथ यादव ने भी बताया कि दस हजार रुपये का धान बीज 65 कट्ठा खेत में रोपाई के लिए लगाया था. इसके खराब होने से दोबारा पांच हजार रुपये का बीज बोया हूं. लगभग सभी किसानों को दो से 20 हजार रुपये तक की आर्थिक क्षति हुई है. किसानों ने सरकार से मुआवजा की मांग की है.

पानी निकालने का करें प्रयास : बीटीएम

बीटीएम गोविंद महतो ने बताया कि लगातार बारिश से जल जमाव की स्थिति में धान का बिचड़ा काफी प्रभावित हुआ है. किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों को खेतों से पानी निकालने का यथासंभव प्रयास करने और नये सिरे से बीज लगाने की सलाह दी. कहा कि अपने स्तर से जिला को रिपोर्ट भेजा हूं. कहा कि धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसल भी प्रभावित हुई है. किसान मड़ुआ, मकई, उरद, मूंग बीज भी नहीं बो पा रहे हैं. लगभग 75 फीसदी जमीन परती पड़ी हुई है.

बिरनी में जून में 238 मिमी हुई बारिश

प्रखंड सांख्यिकी पर्यवेक्षक महेश कुमार दास ने बताया कि बिरनी में मौसम विभाग के अनुसार 105.1 मिमी की जगह 238 मिमी बारिश हुई है. वहीं, जुलाई माह में भी इसी अनुपात से बारिश होनी था, लेकिन एक सप्ताह में ही 120 मिमी बारिश हो चुकी है. इस तरह जून व जुलाई के पहले सप्ताह में ही 138 मिमी ज्यादा बारिश हो चुकी है.

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