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जेइ को एइ का भी प्रभार, अब अपने कार्यों का सत्यापन जेइ खुद करेंगे,

जेइ को एइ का भी प्रभार, अब अपने कार्यों का सत्यापन जेइ खुद करेंगे,

गढ़वा जिले में मनरेगा से जुड़े मामलों में अक्सर नियमों और निर्देशों की अनदेखी का मामला सामने आता रहता है. ऐसे में अब कनीय अभियंता अपने कार्यों का सत्यापन भी स्वयं करेंगे, जो नियम संगत नही है. दरअसल पिछले दिनों रंका, मेराल व गढ़वा प्रखंड में पदस्थापित 15वें वित्त के कनीय अभियंता को ही सहायक अभियंता, मनरेगा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. ऐसे में अब सवाल उठता है कि कनीय अभियंता जिन विकास कार्यों का मूल्यांकन कर मापी पुस्तिका तैयार करेंगे. उसी मापी पुस्तिका का स्वयं सत्यापन भी कर लेंगे. क्योंकि जेई के कार्यों का सत्यापन करने का काम सहायक अभियंता का होता है. ऐसे में अब यह स्पष्ट नही हो पायेगा की कनीय अभियंता ने विकास योजनाओं का सही मूल्यांकन करते हुए मापी पुस्तिका तैयार की है या फिर इसमें अनियमितता बरती गयी है. मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड कार्यालय गढ़वा की ओर से जारी किये गये आदेश पत्र के अनुसार 15वें वित्त के कनीय अभियंता दीपक सोनी को सहायक अभियंता मनरेगा का प्रभार दिया गया है. इसी तरह रंका बीडीओ देवानंद राम ने 19 सितंबर को पत्र जारी कर 15वें वित्त के जेइ पंकज कुमार राज को प्रभारी सहायक अभियंता मनरेगा का कार्य सौंप दिया है. इसके अलावे मेराल प्रखंड में बीडीओ ने पत्र जारी कर 15वें वित्त के जेइ आनंद कृष्णा को सहायक अभियंता का प्रभार दिया गया है.

हड़ताल का हवाला देकर दिया गया प्रभार

दरअसल पिछले 22 जुलाई से राज्य के मनरेगा कर्मियों की हड़ताल के कारण मनरेगा से संचालित विकास कार्यों के प्रभावित न होने तथा मजदूरों को ससमय रोजगार उपलब्ध कराने का हवाला देकर यह कार्रवाई की गयी है. लेकिन विभागीय कर्मी बताते हैं की पूर्व के वर्षों में कई बार मनरेगा कर्मियों की हड़ताल होती रही है. लेकिन कभी जेइ को सहायक अभियंता का प्रभार नही मिला. बल्कि ऐसी परिस्थिति में दूसरे विभागों के सहायक अभियंता को ही मनरेगा का प्रभार दिया गया है. जिले में पहली बार ऐसा हुआ है, जब जेइ को एइ का प्रभार दिया गया हो.

सही या गलत का कैसे पता चलेगा

जिले के तीन प्रखंडों में जेइ को सहायक अभियंता (एइ) का प्रभार दिये जाने से अब विकास योजनाओं के कार्यों में कनीय अभियंता ने योजनाओं के मूल्यांकन और मापी पुस्तिका से यह स्पष्ट नहीं हो पायेगा कि संबंधित कार्यों में अनियमितता बरती या नहीं, यह स्पष्ट नहीं हो पायेगा. वहीं जेई द्वारा किये गये कार्यों की जांच अब नही हो पायेगी. विभागीय अधिकारी भी बताते हैं इससे विकास कार्यों में अनियमितता को बढ़ावा मिलेगा. बताते हैं कि ऐसी परिस्थिति में दूसरे प्रखंडो में नवनियुक्त मनरेगा के सहायक अभियंता जो हड़ताल से बाहर हैं. उन्हें यह अतिरिक्त प्रभार दिया जाना उचित होता.

देखते हैं क्या मामला है: उप विकास आयुक्त

इस संबंध में पूछे जाने पर गढ़वा उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्र ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे जांच कर कार्रवाई की जायेगी.

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