देवघरः चंदन मठपति हत्याकांड में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिये शनिवार रात भर पुलिस हाथ मारती रही. बावजूद कुछ हाथ नहीं लग सका. पहली बार किसी बड़े मामले में एसपी के नेतृत्व में अभियान चलाया गया. नये तरीके से पुलिस की तीन अलग-अलग टीम छापेमारी में जुटी थी. सरकारी गाड़ी छोड़ सभी पुलिस वाले ऑटो में थे. अधिकांश पुलिस वाले सादे लिवास में छापेमारी अभियान में जुटे थे.
इस क्रम में एक टीम शहर के मंदिर से सटे इलाके सहित पंडित बीएन झा पथ, बिलासी टाउन, लक्ष्मीपुर चौक, चांदनी चौक व बिलासी टाउन समेत अन्य इलाके में छापेमारी कर रही थी. वहीं दूसरी टीम कुंडा थाना क्षेत्र के सातर सहित आसपास के गांवों में छापा मारने में जुटी थी और तीसरी टीम सारवां थाना क्षेत्र में छापेमारी कर रही थी. सातर से छापेमारी टीम ने दीपक कुमार, कालेश्वर ठाकुर व सुरेश पंडित को पूछताछ के लिये थाना लाया था. तीनों युवक मंदिर में फोटोग्राफी करने वाले थे. इन युवकों से पुलिस को मामले में कोई लिंक भी हासिल नहीं हो सका.
बाद में तीनों को पुलिस ने पीआर बांड पर थाने से रिहा कर दिया. हालांकि इस अभियान के बारे में कोई भी पुलिस अधिकारी कुछ बताने से इनकार रहे हैं. कई वरीय अधिकारियों से पूछा गया. सभी ने क्राइम कंट्रोल के लिये रुटीन चेकिंग की बात कही. हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो पहली बार किसी बड़ी घटना के बाद देर रात में एसपी सड़क पर निकले थे. एक टीम में खुद एसपी व डीएसपी मुख्यालय थे जबकि दूसरे टीम में नगर इंस्पेक्टर व थाना प्रभारी और तीसरी टीम में एसडीपीओ व एक एएसआइ समेत करीब छह दर्जन सशस्त्र जवान शामिल थे.