मधुपुर: जिस विभाग के अधीन करोड़ों की ग्रामीण योजनाएं संचालित होती है. उसी विभाग में किसी की जिम्मेवारी तय नहीं है. हम बात कर रहे हैं ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यालय की. जी हां, शहर के नवी बक्श रोड स्थित ग्रामीण कार्य विभाग की कार्यशैली तो कुछ यही बयां करती है.
विभाग का कार्यालय तो खुल जाता है लेकिन यहां ना तो अधिकारी रहते हैं और ना ही कर्मी. कभी कभार ही भूले-भटके महीने में अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय पहुंच गये तो ये समझिये दफ्तर का भाग्य ही खुल गया. अब आप सोचते होंगे कि कार्यालय के काम काज कौन देखता है तो हम बताते हैं कि यहां के चेनमैन गोविंद राम पर ही यह जिम्मेवारी है. चौंकिये मत, कम से कम बुधवार को तो यही देखने को मिला. अब यह सब कितने समय से चल रहा है ये तो विभाग के अधिकारी व कर्मी ही बता सकते हैं.
कुरसियां थी खाली, चेनमैन कर रहे थे आराम
बुधवार को किसी खबर के सिलसिले में प्रभात खबर के मीडिया कर्मी द्वारा उक्त कार्यालय पहुंचने पर अजीबोगरीब स्थिति देखने को मिली. जो किसी भी लिहाज से कार्यालय संस्कृति नहीं कही जा सकती.
कार्यालय में अधिकारियों व कर्मियों की कुरसियां उनके इंतजार में बाट जोह रही थी. चेनमैन गोविंद राम गमछा पहन कर एक लंबे बेंच पर करवटें लेते हुए आराम फरमा रहे थे. मीडिया कर्मी के पहुंचने पर आनन-फानन में गोविंद बाबू उठे व पैंट पहनने लगे व किसी तरह खुद को ठीक किया. इसके बाद गोविंद बाबू से कार्यालय में पदस्थापित कनीय अभियंता व कर्मचारियों की संख्या पूछा गया तो कुछ भी बताने की असमर्थता उनके चेहरे से साफ झलक रही थी. बता दें कि आरइओ के जिम्मे ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले सड़क, पुल-पुलिया निर्माण करवाना है.