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छोटी-छोटी बात पर कोर्ट जाने से बचें, सामाजिक स्तर पर करें निबटारा, प्रभात खबर के लीगल काउंसलिंग में बोले अधिवक्ता प्रेमचंद अग्रवाल

Prabhat Khabar Legal Counseling: बोकारो सिविल कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रेमचंद अग्रवाल कहते हैं कि जमीन विवाद, मारपीट, घरेलू हिंसा समेत अन्य छोटे मामलों को सामाजिक स्तर पर निबटा लेना चाहिए. छोटी-छोटी बात के लिए कोर्ट जाने से बचना चाहिए.

Prabhat Khabar Legal Counseling: जमीन विवाद, मारपीट, घरेलू हिंसा सहित अन्य छोटे स्तर के मामले को सलटाने के लिए सामाजिक व्यवस्था का सहारा लेने की जरूरत है. छोटे मामले में सीधे पुलिस, कोर्ट कचहरी का चक्कर नहीं लगाना चाहिए. सामाजिक स्तर पर हरसंभव निबटने का प्रयास करना चाहिए. आपसी बातचीत से गंभीर मामले तक सुलझते हैं. कई लोग छोटे-छोटे मामले को लेकर कोर्ट चले जाते हैं. इसमें वर्षों लग जाते हैं. कोर्ट पर भी अतिरिक्त बोझ बढ़ता है. आमलोगों को कानूनी रूप से जागरूक होने की भी जरूरत है. रविवार को प्रभात खबर की ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग में बोकारो के पूर्व लोक अभियोजक सह उपभोक्ता फोरम बोकारो के पूर्व सदस्य सह मेंबर ऑफ इंडिया आर्बिट्रेशन काउंसिल सह बोकारो सिविल कोर्ट के वरीय अधिवक्ता प्रेमचंद अग्रवाल ने ये बातें कहीं.

संजय कुमार, कोडरमा : दुकान से सामान की खरीदारी की, पर रसीद नहीं ले पाये. अब सामान खराब हो गया है. ऐसे में क्या करूं?

बिना रसीद आप उपभोक्ता फोरम नहीं जा सकते हैं. रसीद लेने का प्रयास करें, ताकि फोरम से न्याय मिल पाये.

विकास कुमार, गिरिडीह : उपभोक्ता फोरम से लाभ लेने के लिए क्या करना पड़ता है?

उपभोक्ता फोरम में ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है. इसके बाद संपर्क करने पर सही जानकारी मिलेगी.

सुबोध कुमार, गिरिडीह : घर में जमीन का बंटवारा किया गया है. मुझे मनोनुकूल जमीन नहीं मिली. क्या करना होगा?

पहले आपसी समन्वय बनाकर हल निकालने का प्रयास करें. ऐसा नहीं होने पर न्यायालय की शरण में जायें.

बबलू कुमार, बोकारो सेक्टर नौ : मेरे साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. कहां जाकर शिकायत दर्ज करानी होगी?

बोकारो के सेक्टर वन में साइबर थाना खुला है. वहां जाकर अपनी समस्या आवेदन के माध्यम से विस्तार से पुलिस के सामने रखें. पुलिस अधिकारी के अनुसंधान के बाद न्याय मिलेगा.

चंदन कुमार, बोकारो सेक्टर वन : मैं आर्थिक रूप से कमजोर हूं. 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. आगे पढ़ाई करना चाहता हूं. क्या करना होगा?

जिला कल्याण पदाधिकारी से संपर्क करना होगा. प्रधानमंत्री स्कीम मेरिट के तहत छात्रवृत्ति का प्रावधान केंद्र व राज्य स्तर पर है. इसका लाभ लिया जा सकता है.

संजय कुमार, धनबाद : मेरे दादा जी ने मेरे बड़े पापा के पुत्र के नाम वसीयत कर दी है. अब क्या हो सकता है?

पैतृक संपत्ति में कोई भी व्यक्ति वसीयत नहीं कर सकता है. यदि दादा जी के पिता ने संपत्ति अर्जित की है, तो कोर्ट में अर्जी लगाने से वसीयत टूट जायेगी.

दीपक बनर्जी, कुसुमडीह धनबाद : धनबाद में अपार्टमेंट लिया था. एग्रीमेंट के तहत पार्किंग देनी थी. लेकिन परेशान किया जा रहा है. पार्किंग की व्यवस्था कैसे मिलेगी?

आप रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन अथॉरिटी) में आवेदन देकर समस्या रख सकते हैं. आपकी समस्या का समाधान त्वरित गति से होगा.

आदित्य प्रकाश, सिंदरी : हमारी जमीन पर पड़ोसियों ने दावा कर रखा है. कहते हैं कि हमारे घर के अभिभावक ने जमीन उन्हें लिख दी है. कोई कागजात नहीं मिल रहा है, जबकि पड़ोसी कागज दिखा रहे हैं?

डीड की सर्टिफाइड कॉपी कोर्ट से निकाल लें. उस आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

राजाराम कोडा, काशीझरिया चास : पिता दो भाई हैं. चाचा का कोई वंश नहीं है. गोतिया लोग जमीन पर कब्जा जमा रहे हैं. ऐसे में क्या करना होगा?

टाइटल पार्टिशन शूट चास कोर्ट में दाखिल करना होगा. इस आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. जमीन आपके हक में मिल जायेगा.

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