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जीवनशैली में बदलाव से बांझपन पर नियंत्रण

बोकारो: सेक्टर चार रोटरी प्ले ग्रुप स्कूल में शुक्रवार को सर्जी सेंटर आइवीएफ की तीसरी वर्षगांठ मनायी गयी. समारोह का उद्घाटन डॉ केके दास, प्रो बीएन चक्रवर्ती, डॉ बीके मित्रा, डॉ एमसी दास, डॉ एमआर चौधुरी, डॉ कौशिक दास व डॉ संचिता दास ने संयुक्त रूप से किया. डॉ मित्रा ने कहा : जीवनशैली में […]

बोकारो: सेक्टर चार रोटरी प्ले ग्रुप स्कूल में शुक्रवार को सर्जी सेंटर आइवीएफ की तीसरी वर्षगांठ मनायी गयी. समारोह का उद्घाटन डॉ केके दास, प्रो बीएन चक्रवर्ती, डॉ बीके मित्रा, डॉ एमसी दास, डॉ एमआर चौधुरी, डॉ कौशिक दास व डॉ संचिता दास ने संयुक्त रूप से किया. डॉ मित्रा ने कहा : जीवनशैली में बदलाव से ही बांझपन पर नियंत्रण पाया जा सकता है. बदलते समय के कारण शादी देर से हो रही है. शादी के एक वर्ष तक शिशु का न होना एक संकेत है.
टेस्ट ट्यूब आखिरी सहारा
डॉ बीके मित्रा ने कहा कि 30 वर्ष तक की आयु में गर्भ धारण न हो पाने की स्थिति में चिकित्सक से मिलना चाहिए. टेस्ट ट्यूब अंतिम स्थिति होती है. इसके पहले चिकित्सक दवा व सर्जिकल विधि से बांझपन की समस्या को सुलझाने का प्रयास करते हैं. इसके बाद संतान के इच्छुक दंपती को चुनाव करना है कि आइवीएफ का सहारा ले या नहीं.

अतिथि चिकित्सकों ने कहा : आज युवा कॅरियर संवारने के चक्कर में काफी आगे निकल जाते हैं. अधिक उम्र होने के कारण संतान प्राप्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मौके पर विभिन्न शहरों से आये चिकित्सक व टेस्ट टयूब बेबी प्राप्त करने वाले दंपती मौजूद थे.

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