रांची : रांची रेलवे स्टेशन में ट्रेन में आग लगाने की यह पहली घटना है. रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की घटना पहले नहीं हुई थी.
इस घटना के बाद से रांची रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. एडीआरएम विजय कुमार ने कहा कि आरपीएफ के जवानों को गश्त तेज करने को कहा गया है. वहीं, यात्रियों के सामान की भी जांच करने को कहा है, ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो.
चालीस पन्ने का हस्तलिखित कागज मिला
उक्त कोच में जांच के दौरान रेलवे के अधिकारियों को 40 पन्ने का हस्तलिखित कागज मिला. इसमें काली स्याही से लिखा हुआ है ‘वी वाॅन्ट जस्टिस, मैसेंजर ऑफ गॉड के समर्थक’. इसी से अंदाज लगाया जा रहा है कि ट्रेन की बोगी में आग लगानेवाले डेरा सच्चा सौदा के समर्थक हो सकते हैं. जिस पॉली बैग में पेट्रोल मिला था, उस पर ‘डायनमिक फैशन मरियम कांप्लेक्स, कांटाटोली’ लिखा हुआ था. यह सभी सामान एक कॉलेज बैग में मिला था. इसमें तेल डालने का कुप्पी थी.
मुरी और रांची रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी को खंगाला जायेगा
मुरी व रांची स्टेशन की सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जायेगा. वहीं, रांची स्टेशन में ट्रेन के आने अौर उसके बाद की गतिविधि को देखा जायेगा, ताकि कुछ जानकारी प्राप्त हो सके.
मालूम हो कि इस प्लेटफार्म पर आनेवाली ट्रेन के अधिकरतर यात्री एक नंबर प्लेटफार्म से बाहर आते हैं. यहां सीसीटीवी लगा हुआ है. जिस कारण इसे देखा जायेगा. उधर, इस घटना की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन की अोर से सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता आये थे. उन्होंने ने भी पूरी स्थल का मुआयना किया.
जांच का आदेश दिया गया
उधर, रेलवे के अधिकारियों ने इस घटना के जांच का आदेश दे दिया गया है. रेलवे के वरीय अधिकारियों की टीम इसका जांच करेगी. फिलहाल, इस कोच को काटकर बगल वाले लाइन में सील कर रख दिया गया है. जबकि ट्रेन के शेष डिब्बे को हटिया के लिए रवाना कर दिया गया.
उधर, इस घटना की जानकारी रेलवे के वरीय अधिकारियों व बोर्ड को दे दिया गया है. देश में ट्रेनों में हो रही घटना के बाद रांची सहित अन्य स्टेशनों को भी अलर्ट कर दिया गया है. वहां के अधिकारियों को विशेष चौकस रहने के लिए कहा गया है.
पूरी तरह सीसीटीवी के निगरानी में नहीं है रेलवे स्टेशन
रांची रेलवे स्टेशन पूरी तरह से सीसीटीवी के कवरेज में नहीं है. यहां प्लेटफार्म नंबर एक, दो अौर तीन पर ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. हालांकि, वह भी र्प्याप्त मात्रा में नहीं है. यही वजह है कि आधे प्लेटफाॅर्म के बाद की गतिविधियां रिकार्ड नहीं हो पाती हैं. रेलवे के अधिकारियों ने कई बार कहा है कि इसकी क्षमता बढ़ायी जा रही है, लेकिन आज तक यह लग नहीं पाया है.
