भगवानपुर हाट. कृषि विज्ञान केंद्र में बुधवार को प्राकृतिक खेती विषय पर पांच दिवसीय कृषि सखी आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसका उद्घाटन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र प्रसाद, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी महाराजगंज आनंद चौधरी, आत्मा सीवान के उप निदेशक के.के. चौधरी तथा सहायक निदेशक रसायन बसुंधरा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. प्रशिक्षण में जिले के सभी प्रखंडों से आई जीविका दीदियां शामिल हुईं. कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. प्रसाद ने कहा कि अत्यधिक रासायनिक उर्वरक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है और मानव स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है.इसलिए प्राकृतिक खेती समय की मांग है.उन्होंने महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि वे परिवार और खेती दोनों में संतुलन बनाने में सक्षम हैं.आत्मा के उप निदेशक के.के. चौधरी ने कहा कि रासायनिक खेती से पैदा होने वाली फसल के सेवन से तरह-तरह की बीमारियां फैल रही हैं.इसका समाधान है कि किसान अपने खेत के कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती कर परिवार के लिए शुद्ध अन्न पैदा करें.सहायक निदेशक रसायन बसुंधरा ने बताया कि अधिक रसायनों के प्रयोग से मधुमेह, कैंसर, अस्थमा और तनाव जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं.अनुमंडल कृषि पदाधिकारी आनंद चौधरी ने कहा कि स्वस्थ शरीर के लिए प्राकृतिक खेती आवश्यक है. गोबर, गोमूत्र और अन्य जैव संसाधनों से कम लागत में खेती करना संभव है.इस अवसर पर कृषि अभियंता कृष्ण बहादुर छेत्री, डॉ. कन्हैया लाल रैगर, डॉ. पवन कुमार शर्मा, अरुण कुमार, मास्टर सुरेंद्र सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
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