प्रतिनिधि,सीवान.बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन शुरी कर दिया है. आंदोलन के पहले दिन बुधवार को जिलेभर के कार्यपालक सहायकों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया. संघ के सचिव विशाल कुमार शर्मा ने बताया कि लंबे समय से सरकार से मांगें उठाई जा रही हैं लेकिन अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है. सरकार के टालमटोल रवैये से कार्यपालक सहायकों में गहरा आक्रोश है और अब उनका धैर्य जवाब दे चुका है. इसी वजह से सभी ने आंदोलन का रास्ता चुना है. उन्होंने बताया कि छह सितंबर तक सभी कार्यपालक सहायक काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. पांच सितंबर को मशाल जुलूस और कैडल मार्च निकाला जाएगा. सात सितंबर को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और आगे की रणनीति तय होगी.अगर सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 10 सितंबर के बाद किसी भी कार्य दिवस में दो दिन का सामूहिक अवकाश लिया जाएगा और इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल और अनशन किया जाएगा.मांगों को लेकर कार्यपालक सहायकों का एक प्रतिनिधि मंडल सांसद विजयलक्ष्मी देवी के आवास पर पहुंचा और पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा को मांग पत्र सौंपा. मुख्य मांगों में सेवा संवर्ग का गठन कर स्थायीकरण करते हुए राज्यकर्मी का दर्जा और वेतनमान देना, सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुसार लेवल 4-6 के तहत मानदेय या वेतन देना, कार्यपालक सहायकों की न्यूनतम योग्यता को मैट्रिक से बढ़ाकर इंटरमीडिएट करना, नियुक्ति की तिथि से ईपीएफ का लाभ देना, हटाए गए कार्यपालक सहायकों का समायोजन करना, आकस्मिक निधन पर कम से कम 40 लाख रुपये का उपादान देना, सभी कार्यपालक सहायकों को चिकित्सीय लाभ देना, सेवाकाल में मृत्यु पर आश्रित को 36 माह का वेतन या मानदेय देना, मृतक के निकटतम परिजन को नौकरी देना ताकि परिवार का भरण-पोषण हो सके, अभ्यावेदन के आलोक में गृह जिला स्थानांतरण की व्यवस्था करना और सेवा में सुरक्षा व अधिकारों की गारंटी करना शामिल है.आंदोलन में जिलाध्यक्ष वरुण कुमार रजक, विभेष कुमार, अनिल कुमार, मिथिलेश कुमार, संदीप कुमार, अमरेंद्र कुमार, संजय कुमार यादव, इंद्रमणि द्विवेदी समेत कई कार्यपालक सहायक शामिल रहे.
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