प्रतिनिधि,सीवान.सोमवार की शाम चैनपुर थाना के समीप बदमाशों ने गोली मारकर कुख्यात दिनेश कुमार यादव उर्फ लाली यादव की हत्या कर दी.हत्या की घटना के बाद पूरे बाजार में अफरा तफरी मच गयी.अन्य दिन जहां रात नौ बजे जिस बाजार में चहल पहल बना रहता था, वहां कुछ देर में ही बाजार की सारी दुकानें बंद हो गयी तथा सड़क पर सन्नाटा छा गया.घटना के बाद से इलाके में दहशत व्याप्त है. घटना के बाद आक्रोशित परिजनों वे ग्रामीणों में चैनपुर बाजार में सड़क जाम कर दिया. बताया जाता है कि हत्यारे में से एक लाली को अपनी बाइक पर बैठाकर पचमंदिरा मोड़ पर ले आया था. यहां पहले से एक अपराधी मौजूद था. गोली सिर में मारी गयी. सीवान व सारण जिले में कभी अपराध को लेकर लाली यादव पुलिस के लिए बड़ा चुनौती बना रहा.एक दशक तक अपराध के क्षेत्र में सक्रिय रहे लाली यादव के खिलाफ दो दर्जन से अधिक हत्या,लूट व संगीन धाराओं में मामले दर्ज रहे.हालांकि पिछले पंद्रह वर्षों से अपराध को तिलांजलि देकर सामाजिक क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने के साथ ही जमीन के कारोबार में लाली लग गया था. चैनपुर गांव के लाली यादव की गोली माकर हत्या की घटना के बाद एक बार फिर लोगों के जुबान पर अपराध के क्षेत्र से जुड़े उसके कारनामों की चर्चा जोरों पर है.बताया जाता है कि सत्रह वर्ष की अवस्था में ही वर्ष 2000 से तकरीबन दस वर्षों तक अपराध के दुनिया में लाली सक्रिय रहा.जिसमें अधिकांश मामले सीवान व सारण जिले में सामने आये.कहा जाता है कि चैनपुर के प्रमुख व्यवसायी केदार गुप्ता के यहां डकैती के वारदात में लाली का नाम पहली बार सामने आया.इसके कुछ समय बाद ही केदार गुप्ता की हत्या हो गयी.इस मामले में भी पुलिस ने लाली को अभियुक्त बनाया.इसके चंद माह बाद ही व्यवसायी केदार के बेटे विजय गुप्ता की भी हत्या हो गयी.इस घटना में भी पुलिस रिकार्ड में हत्यारे के रूप में लाली का नाम दर्ज हुआ.इसके बाद से ही लाली के उपर कई हत्या, लूट, डकैती समेत विभिन्न मामलों में प्राथमिकी दर्ज हुई.इसके बाद से ही पुलिस रिकार्ड में लाली कुख्यात अपराधी में रूप में जाना जाने लगा. दो वर्ष पूर्व भी सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर के पूर्व मुखिया पति हरेंद्र यादव की हत्या में भी लाली का नाम आया था.जिस मामले में पुलिस ने पटना से गिरफ्तार किया था. पंद्रह साल पूर्व अपराध से बनायी दूरी लाली यादव के अपराध से जुड़े कई किस्सों के बीच कहा जाता है कि पिछले पंद्रह सालों से इसने अपना नया रास्ता शुरू किया.लाली के सक्रिय सामाजिक भागीदारी के चलते कहा जाता है कि उसकी भाभी जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुई.इसके बाद सामाजिक कार्यों में लाली ने अपनी सक्रियता और बढ़ा दी.इसके साथ ही जमीन के कारोबार में भी इसकी पैठ बढ़ती गयी.जिसके चलते हाल के वर्षों में लाली ने अच्छी कमाई की. परिजनों ने शव ले जाने से पुलिस को रोका हत्या की खबर पाकर लाली यादव के परिवार के सदस्य तथा ग्रामीण माैके पर पहुंच कर घटना को लेकर रोष जताया.बताया जाता है कि घटना की सूचना पाकर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ एसडीपीओ अजय कुमार सिंह,थानाघ्यक्ष विजय रंजन समेत आसपास की पुलिस पहुंची.जिसके बाद मौके से शव को पोस्टमार्टम के लिये ले जाने के लिये पुलिस को काफी देर तक जुझना पड़ा.
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