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तोड़ दिया गया था समाहरणालय का गेट
डुमरा कोर्ट : समाहरणालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने गेट को तोड़ दिया था और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता परिसर में चले गये थे. यह कहना है दंडाधिकारी रहे देवेंद्र कुमार वर्मा का. इस बात का उल्लेख प्राथमिकी में किया गया था. प्राथमिकी के अनुसार, धरना के दौरान नवल किशोर राय, […]
डुमरा कोर्ट : समाहरणालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने गेट को तोड़ दिया था और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता परिसर में चले गये थे. यह कहना है दंडाधिकारी रहे देवेंद्र कुमार वर्मा का. इस बात का उल्लेख प्राथमिकी में किया गया था.
प्राथमिकी के अनुसार, धरना के दौरान नवल किशोर राय, मो अनवारूल हक, रामचरित्र राय व मनोज कुमार के नेतृत्व में भाषण चल रहा था.
भड़काऊ भाषण से भीड़ हिंसक होकर समाहरणालय परिसर में पहुंच कार्यालयों में तोड़- फोड़ करने साथ ही सरकारी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. साथ ही हमला कर तत्कालीन डीएम, एसपी, डीएसपी समेत 24 सरकारी सेवकों को जख्मी कर दिया गया था.तत्कालीन डीएम रामनंदन प्रसाद व उनके सुरक्षा गार्ड का सिर फट गया था.
बॉडी गार्ड ने की थी फायरिंग
प्राथमिकी में कहा गया है कि डीएम रहे श्री प्रसाद के आग्रह के बावजूद भीड़ शांत नहीं हो रही थी.पुलिस की कार्रवाई के दौरान पूर्व सांसद नवल किशोर राय का अंगरक्षक सूर्यदेव राय व मो अनवारूल हक का अंगरक्षक मो शमीम ने भी प्रशासनिक पदाधिकारियों पर फायरिंग की थी. दोनों अंगरक्षक को भी आरोपित किया गया था. एक अंगरक्षक सूर्यदेव राय को दोषी करार दिया गया है, जबकि दूसरा मो शमीम अब भी फरार चल रहा है.
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