भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का संगम बना तोरना का सूर्य महायज्ञ. फोटो-7- सिर पर कलश ले कर जातीं महिला श्रद्वालु़ प्रतिनिधि, शिवसागर प्रखंड क्षेत्र के सूर्य मंदिर तोरना में कलश यात्रा के साथ श्री सूर्य महायज्ञ का शुभारंभ हुआ. इस अवसर पर ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और यज्ञ की सफलता की कामना की. कलश यात्रा बालगीर बाबा से तोरना सूर्य मंदिर तक निकाली गयी. यात्रा में महिलाओं और बालिकाओं ने सिर पर कलश रखकर भाग लिया, जबकि पुरुष पारंपरिक वाद्यों के साथ आगे-आगे चल रहे थे. पूरे रास्ते वातावरण भक्तिमय हो गया और हर चेहरे पर यज्ञ के प्रति उत्साह और श्रद्धा झलक रही थी. यज्ञ के आयोजकों ने बताया कि इस दौरान विभिन्न संत-महात्माओं के प्रवचन और रासलीला जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा. साथ ही, भंडारे का भी आयोजन होगा, जिसमें आसपास के क्षेत्रों से लोग शामिल होंगे. यज्ञ का उद्देश्य क्षेत्र में शांति और समृद्धि का वातावरण बनाना तथा लोगों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना है. ग्रामीणों ने कहा कि इस आयोजन से समाज में नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा. उन्होंने आयोजकों को भव्य आयोजन के लिए बधाई दी और यज्ञ की सफलता की कामना की. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे धार्मिक आयोजन से लोगों को अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने का अवसर मिलता है, जिससे समाज में एकता और सौहार्द का माहौल बनता है. यज्ञ के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए विशेष प्रबंध किये गये हैं, ताकि किसी को असुविधा न हो. इस अवसर पर ब्रह्मचारी श्री शंकरानंद जी महाराज ने कहा कि यज्ञ के माध्यम से हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं. यज्ञ की अग्नि में हमारे नकारात्मक विचार जलकर भस्म हो जाते हैं और हमें नयी ऊर्जा व उत्साह के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने सभी से यज्ञ में बढ़-चढ़कर भाग लेने और इसका लाभ उठाने का आग्रह किया.
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