एक सप्ताह में ठहराव नहीं हुआ, तो आमरण अनशन की चेतावनी
नाराज लोगों ने स्टेशन पर दिया धरनाफोटो -8- रेलवे स्टेशन पर धरना देते लोग.ए- रांची के लिए सवारी के इंतजार में तेंदुनी चौक पर खड़ी बस. प्रतिनिधि, बिक्रमगंज.
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा जारी पत्र के बावजूद आरा-रांची एक्सप्रेस का ठहराव अब तक बिक्रमगंज रेलवे स्टेशन पर नहीं हो पाया है. 25 मई को जारी इस पत्र से लोगों को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 मई को बिक्रमगंज आगमन से पहले ट्रेन का ठहराव शुरू हो जायेगा. लेकिन, जब ऐसा नहीं हुआ, तो लोगों का धैर्य टूट गया और मंगलवार की सुबह 8:30 से 11 बजे तक रेल यात्री संघ के बैनर तले स्टेशन परिसर में धरना दिया गया. धरने का नेतृत्व कर रहे कृष्ण कुमार सिंह ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर ट्रेन का ठहराव शुरू नहीं हुआ, तो लोग आमरण अनशन पर बैठेंगे. उन्होंने बताया कि बिक्रमगंज के रास्ते आरा और बक्सर से रांची के लिए करीब 25 बसें प्रतिदिन चलती हैं, जिनसे 200 से 300 यात्री सफर करते हैं. महिलाओं और बुजुर्गों को बस यात्रा में भारी परेशानी होती है, जबकि रेलवे सुविधा होने के बावजूद बिक्रमगंज स्टेशन पर ठहराव नहीं दिया जाना जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है. धरने में शामिल लोगों ने बताया कि जब ट्रेन की शुरुआत हुई थी, तभी से बिक्रमगंज में इसके ठहराव की मांग उठायी जा रही है. तब भी चक्का जाम कर विरोध किया गया था, लेकिन राजनीतिक कारणों से ट्रेन को बिक्रमगंज के बजाय पीरो (भोजपुर) स्टेशन पर रोक दिया गया. प्रदर्शनकारियों के अनुसार, बिक्रमगंज से रेलवे को प्रतिदिन जितनी आमदनी होती है, उतनी पीरो से पूरे साल में भी नहीं होती. इसके बावजूद ट्रेन का ठहराव पीरो को दिया गया है, जो अन्यायपूर्ण है. धरने में रवींद्र यादव, राजन यादव, अशोक चौधरी, रामसूरत सिंह, मुन्ना सिंह, फिरोज़ खान, सुरेंद्र सिंह, नागेंद्र सिंह, अनिल पासवान, शमशुल खान सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए.बस और ट्रेन का किराया
रेलमार्ग से आरा से रांची तक स्लीपर में किराया 315 रुपये, थर्ड एसी 845 रुपये और सेकेंड एसी 1205 रुपये है. वहीं, बिक्रमगंज से रांची जाने वाली बसों का एसी स्लीपर किराया 600 से लेकर 700 रुपये और सामान्य सीट का 500 से लेकर 600 तक वसूला जाता है.राजनीतिक श्रेय की खींचतान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले आरा-रांची एक्सप्रेस के बिक्रमगंज ठहराव को लेकर राजनीतिक हलकों में श्रेय लेने की होड़ मच गयी थी. सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक यह चर्चा गर्म थी कि किस नेता ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर यह ठहराव मंजूर करवाया. रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, माले सांसद राजाराम सिंह और पूर्व विधायक राजेश्वर राज का नाम खासतौर पर चर्चा में था. अंततः रेलमंत्री ने 25 मई को पत्र जारी कर राजेश्वर राज को इसका श्रेय दिया. हालांकि अब भी ट्रेन बिक्रमगंज से बिना रुके गुजर रही है. इस पर काराकाट के पूर्व विधायक राजेश्वर राज ने कहा कि रेलमंत्री की ओर से ठहराव की स्वीकृति मिल चुकी है और जल्द ही समय-सारणी तय कर इसे लागू किया जायेगा. उन्होंने लोगों से थोड़ा धैर्य रखने की अपील की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है