राजपुर. श्री श्री 1008 श्री त्रिदंडी स्वामी के पाद सेवक शिष्य श्री हरि नारायण उक्त प्रखंड के सुअरा गांव में जन्में तपो मूर्ति संत यतिराज श्री सुंदर राज स्वामी जी के पिता गोवर्धन तिवारी का विगत दो सितंबर को हृदय गति रुकने से देहांत हो गया. इसकी सूचना मिलने पर क्षेत्र के लोग व देश प्रदेश के संत व मठाधीशों ने शनिवार को उनके पैतृक गांव पहुंच उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्राद्धजंलि दी. उनके पुण्य आत्मा को स्वयं में विलीन कर लेने की प्रार्थना की. जानकारी देते हुए गांव के राम-जानकी मंदिर के महंत कमल नारायण स्वामी ने बताया विगत कुछ माह से तबीयत खराब थी. दो सितंबर को उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी. कुछ देर बाद अंतिम सांस ले दम तोड़ दिया. इस अवसर पर श्रद्धांजलि प्रदान करने दर्जनों की संख्या में पहुंच संत समाज का नेतृत्व कर रहे कौशलेस सदन अयोध्या के संत रंगनाथाचार्य स्वामी ने बताया कि सुंदर राज जी बाल्यकाल में ही श्री त्रिदंडी स्वामी के सानिध्य में चले गये थे. तब से कभी घर को वापस नहीं आये. अपने जन्म देने वाले पिता के देहांत की खबर सुनकर भी विचलित नहीं हुए. घर नहीं आने के जिद को नहीं त्यागा. खुद को श्री हरि नारायण की सेवा में लगाये रखा. ऐसे महान संत को दुनिया में प्रकट करने वाले उनके जन्मदाता को संत समाज द्वारा श्रद्धांजलि देना अनिवार्य था. मौके पर अयोध्या से आये संत स्वामी देवेशाचार्य जी, वाराणसी के संत कुलशेखर सवामी, सुंदरम स्वामी, हरिहरपुर संत सत्यनारायण स्वामी, जगन्नाथ मठाधिश्वर सुदर्शनाचार्य जी, काशी के संत अभिषेक स्वामी, पलामू के संत सर्वेश्वराचार्य जी, हरधनजुडा संत नारायण स्वामी, चंदौली से संजय साधु, आचार्य दिनेश शुक्ला, पंडित दीपक शास्त्री, अमित तिवारी, मदनमोहन तिवारी, रजनीकांत तिवारी समेत अन्य मौजूद रहे. ….श्राद्ध कर्म में पहुंचे क्षेत्र के लोगों ने जताया शोक
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