कोचस. थाना क्षेत्र के हरनाथपुर गांव निवासी सतेंद्र नारायण मिश्र की प्रयागराज मे गोली मार कर हत्या कर दिये जाने की सूचना मिलते ही उनके पिता पूर्व शिक्षक हरि गोविंद मिश्र मुर्छित होकर जमीन पर गिर पड़े. वे समझ नहीं पा रहे थे कि स्वभाव से शांत व मृदुभाषी उनके पुत्र को कोई गोली भी मार सकता है. शनिवार की सुबह में उनकी हत्या की सूचना मिलते ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. आसपास के शुभचिंतकों सहित हित-रिश्तेदार भी दौड़े हुए उनके पिता से मिलने उनके घर पर पहुंचने लगे. देखते ही देखते घर पर लोगों की भीड़ इक्कठा हो गयी. लेकिन, किसी को विश्वास भी नहीं हो रहा था कि अभी चार दिन पूर्व ही सभी से मिलकर वह प्रयागराज ड्यूटी के लिए निकले थे. बड़ा अधिकारी रहते हुए भी गांव एकदम सामान्य हो जाते थे चीफ इंजीनियर: उनको करीब से जानने वाले राजेंद्र तिवारी व पदुमसीडिहरा निवासी नन्द जी तिवारी कहते हैं कि इतना बड़ा अधिकारी रहते हुए भी गांव आते ही वह एकदम सामान्य हो जाते थे. गांव आने पर अक्सर वे सभी से हंसकर ही मिलते जुलते थे. कभी उन्होंने अपने आप को अधिकारी होने का रौब नहीं दिखाया. परिजनों ने बताया कि वह कुछ दिन पहले विभागीय जांच में बिहटा आये हुए थे. होली के दौरान गांव नहीं आने के कारण वह बिहटा से सीधे गांव आ गये थे. सभी से मिलजुलकर 25 मार्च को पूनः ड्यूटी के लिए रवाना हो गये थे. लेकिन, प्रयागराज पहुंचने के तीन दिन बाद ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी. अपराधी ने खिड़की से गोली मार कर की हत्या गौरतलब हो कि प्रयागराज के बमरौली स्थित एयरफोर्स के चीफ वर्क इंजिनियर के पद पर तैनात सत्येंद्र नारायण मिश्र को अपराधियों ने शनिवार की अहले सुबह पिस्टल से उस वक्त गोली मार कर हत्या कर दी, जब वह एयरफोर्स आफिसर्स कालोनी के हाई सिक्योरिटी परिसर स्थित अपने आवास में सो रहे थे. इस दौरान वहां पहुंचा अज्ञात अपराधी ने खिड़की से गोली मार कर उनकी हत्या कर दी. घटना के बाद हाइ सिक्योरिटी परिसर में खलबली मच गयी. जहां, तत्काल मौके पर पहुंच कर पुलिस अधिकारी जांच में जुट गये हैं. दो वर्षों से एयरफोर्स में चीफ वर्क इंजिनियर के पद पर थे तैनात मृतक अपने एक बेटे माधवेन्द्र व पत्नी वत्सला के साथ हाई सिक्योरिटी परिसर में रहते थे. उनका पुत्र माधवेन्द्र सैनिक स्कूल प्रयागराज से मैट्रिक की परीक्षा दिया है. वहीं, बेटी कावेरी मिश्रा लॉ कालेज लखनऊ में दुसरे साल की पढाई कर रही है. पूर्व शिक्षक पिता हरिगोविन्द मिश्र ने बताया कि वह पढ़ने में काफी अव्वल थे. उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उंच्च विद्यालय कोचस से उर्तीण किया था. वहीं, आदर्श इंटर कॉलेज वाराणसी से आइएससी करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई मुजफ्फरपुर से पूरी की. इसके बाद उनका पहला ज्वाॅइनिंग लखनऊ स्थित सिंचाई विभाग में एसडीओ के पद पर हुई थी. लेकिन, काफी मेघावी छात्र होने के कारण उन्हें यह पद रास नहीं आया. कुछ दिन बाद ही उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के तहत एयरफोर्स के चीफ इंजिनियर के पद पर उनका चयन हो गया. पिछले दो वर्षों से वह प्रयागराज स्थित एयरफोर्स में चीफ वर्क इंजिनियर के पद पर तैनात थे. उनके पिता ने बताया कि प्रयागराज से उनका तबादला अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में हो गया था, जल्द ही यहां रिलिव होने वाले थे. लेकिन,परमात्मा को कुछ और ही मंजूर था. किसी भी कीमत पर नहीं बख्शे जायेंगे कातिल : ब्रिगेडियर प्रयागराज स्थित एयरफोर्स बेस कैंप में चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात सतेन्द्र नारायण मिश्र के पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने हरनाथपुर पहुंचे सेना के ब्रिगेडियर संजय शर्मा ने उनके पिता से बातचीत के दौरान कहा कि मिलिट्री और उत्तरप्रदेश पुलिस की टीम अलग-अलग बिंदुओं पर गहन जांच कर रही है. इस घटना में संलिप्त कातिल को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा. इसे लेकर दोनों विभाग काफी संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने आज अपना एक रत्न खो दिया है. ब्रिगेडियर के साथ पहुंचे कर्नल रामा सुब्रमण्यम, डायरेक्टर सुनील कपूर, मेजर प्रथमेश जोशी, एजीइ नन्दलाल गुप्ता व एजीइ राम निवास सहित वायुसेना के अन्य अधिकारियों ने शोक-संतप्त परिवार को ढांढस बंधाते हुए हर-संभव मदद का भरोसा दिलाया.
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