संझौली.
प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली काव नदी में लगभग 10 दिन पहले लगातार पांच दिनों तक हुई रुक-रुककर भारी और मध्यम बारिश के कारण बाढ़ आ गयी थी. इस बाढ़ के चलते नदी किनारे बसे बाजितपुर, बुकनाव, चैता, सियावक, बेनसागर, डीहरा सहित दर्जनों गांवों और उनके आसपास के इलाकों में पानी भर गया था. बाढ़ की चपेट में आने से सैकड़ों हेक्टेयर में लगी धान और सब्जी की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गयी हैं. किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. अब जब बाढ़ का पानी उतर चुका है, तो खेतों में सड़ी हुई फसलें दुर्गंध फैलाने लगी हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सबसे अधिक दुर्गंध सुबह नौ बजे के बाद धूप निकलने पर होती है. ग्रामीणों के अनुसार जब तक खेतों में जमा कीचड़ पूरी तरह सूख नहीं जाता, तब तक दुर्गंध से राहत मिलना मुश्किल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

