Sasaram News : कोचस. प्रखंड क्षेत्र की सरेयां पंचायत के हरनाथपुर गांव में रविवार की अहले सुबह भारतीय वायुसेना के चीफ इंजीनियर का पार्थिव शरीर पहुंचते ही कोहराम मच गया. मृतक सत्येंद्र नारायण मिश्र उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित एयरफोर्स बेस कैंप में चीफ वर्किंग इंजीनियर के पद पर पदस्थापित थे. वायुसेना के विशेष वाहन से तिरंगे में लिपटे अधिकारी का पार्थिव शरीर रविवार के अहले सुबह उनके पैतृक गांव हरनाथपुर लाया गया. इस दौरान उनके पार्थिव शरीर की अंतिम दर्शन के लिए आसपास के दर्जनों गांवों से लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान सेना के अधिकारियों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर मातमी माहौल में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इससे पूरा माहौल गमगीन हो गया. सेना की मातमी धुन बजते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो गये. मृतक के पिता पूर्व शिक्षक हरि गोविंद मिश्र ने बताया कि वह प्रयागराज के बमरौली एयरफोर्स ऑफिसर्स कॉलोनी के हाइ सिक्योरिटी जोन में अपने परिवार के साथ रहते थे. इस दौरान गत शनिवार की अहले सुबह साढ़े तीन बजे के आसपास नकाबपोश अपराधियों ने गोली मारकर घायल कर दिया, जहां मिलिट्री अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. एयरफोर्स कैंप से उनकी मौत की खबर मिलते ही परिजनों के बीच चीत्कार मच गयी. इस दौरान पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने हरनाथपुर पहुंचे ब्रिगेडियर संजय शर्मा, कर्नल रामा सुब्रमण्यम, डायरेक्टर सुनील कपूर, मेजर प्रथमेश जोशी, एजीइ नन्दलाल गुप्ता, एजीइ राम निवास सहित भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने परिजनों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया. इसके बाद परिजनों ने रविवार की शाम वाराणसी स्थित मणिकर्णिका घाट पर पूरे विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया. पति का साथ छूटते ही वत्सला की हालत खराब जिसने सात जन्मों का वचन देकर वत्सला को अपने जीवन संगिनी बना कर लाया था. उसने अधूरे जीवन में अपने जीवन संगिनी को छोड़ चला गया. इसके वियोग में वत्सला की हालत बिगड़ गयी. उसे अपने पति की मौत का सदमा इतना सता रहा है कि अन्न जल त्याग कर बेसुध पड़ी है. थोड़ी होश में आ रही है, तो बस अपने पति की नाम लेकर विलाप कर रही है.
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