डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक सहरसा . जिलाधिकारी वैभव चौधरी की अध्यक्षता में शुक्रवार को उर्वरकों के परिचालन, वितरण, भंडारण एवं बिक्री पर अनुश्रवण के लिए जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक की गयी. बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, जिला सूचना जन सम्पर्क पदाधिकारी, जिला परामर्शी एवं विधायक सदर आलोक रंजन, विधायक महिषी गुंजेश्वर साह, जिला परिषद् अध्यक्ष किरण देवी सहित अन्य मौजूद थे. आयोजित बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 4665.36 एमटी यूरिया, 1235.250 एमटी डीएपी, 2366.830 एमटी एमओपी, 2610.5 एमटी एनपीके एवं 452.65 एमटी एसएसपी उपलब्ध है. किसानों द्वारा उर्वरक की कमी की कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है. महिषी विधायक गुंजेश्वर साह ने जानकारी दिया कि क्षेत्र में किसानों द्वारा कही से उर्वरक की अनुपलब्धता से संबंधित शिकायत प्राप्त नहीं है. किसानों को इस बार उर्वरक सहजता से उपलब्ध है. वर्त्तमान समय में उर्वरक की कमी नहीं है. लेकिन खरीफ मौसम में उर्वरक की आवश्यकता होगी जिसकी तैयारी अभी से करने की आवश्यकता है. जिलाधिकारी ने निदेशित किया कि जिले में उपलब्ध उर्वरक की उपलब्धता व भौतिक मात्रा का सत्यापन करा लें. जिससे उर्वरक की उपलब्धता की वास्तविक मात्रा की जानकारी हो. विधायक सदर आलोक रंजन ने सुझाव दिया कि उर्वरक का रेट चार्ट प्रखंड मुख्यालयों में एवं जिला मुख्यालयों में फ्लैक्स के माध्यम से प्रदर्शित करें. जिससे किसानों को उवर्रक के दर की सही जानकारी हो एवं अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. साथ ही उन्होंने कहा कि कि रैक पर प्राप्त उर्वरक संबंधित थौक विक्रेता के गोदाम में भंडारित किया जाता है. खुदरा विक्रेताओं को गोदाम से उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है. जिससे परिवहन में अधिक लागत आती है. उन्होंने सुझाव दिया कि रैक प्वाईंट से सीधे खुदरा विक्रेताओं को उर्वरक उपलब्ध कराया जाय. जिससे परिवहन लागत कम से कम किया जा सके. जिलाधिकारी ने अतिरिक्त परिवहन लागत मूल्य के संबंध में विभाग से पत्राचार के माध्यम से दिशा निर्देश प्राप्त करने के लिए निदेशित किया. अध्यक्ष जिला परिषद ने कहा कि सलखुआ के प्रखंड कृषि पदाधिकारी अक्सर प्रखंड में उपलब्ध नहीं रहते हैं. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वर्त्तमान में मात्र तीन प्रखंड कृषि पदाधिकारी पदस्थापित हैं जिन्हें अतिरिक्त प्रखंडों का प्रभार दिया गया है. जिलाधिकारी ने निदेशित किया कि पदस्थापित सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को रोस्टर बनाकर अग्रिम भ्रमण कार्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए निदेशित करें. जिससे निर्धारित कार्य दिवस पर संबंधित प्रखंड में उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके. जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रखंड के नामित नोडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं संबंधित अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के साथ एक जांच दल का गठन करें जो प्रतिष्ठानों पर सतत निगरानी रखेंगें एवं प्रतिष्ठानों की जांच करेंगे. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि उर्वरक दुकानों पर उर्वरक रेट चार्ट संधारित है. दीवार लेखन में संधारित रेट चार्ट में उर्वरक मूल्य तालिका के साथ संबंधित प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पंचायत कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार का मोबाइल नंबर अंकित कराया जा रहा है. जिससे किसी प्रकार की परेशानी की स्थिति में किसान सीधे संपर्क स्थापित कर समस्या का निवारण करा सकते हैं. जिलास्तर पर जिला कृषि कार्यालय में हेल्पलाईन नंबर 9031643399, 06478-228487 कार्यरत है. जिसके नोडल पदाधिकारी कुमार ऋषिरंजन सहायक निदेशक प्रक्षेत्र जिला कृषि कार्यालय हैं. जिलाधिकारी ने प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में प्रखंड उर्वरक निगरानी समिति की बैठक ससमय कराने के लिए निदेशित किया. साथ ही जिले में किसानों को उर्वरक उपलब्धता की जानकारी के लिए स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों में उर्वरक की उपलब्धता से संबंध में सूचना प्रसारित कराने के लिए निदेशित किया.
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