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सीवान जहरीली शराबकांड में बड़ा खुलासा, एप से मंगवाई थी स्प्रिट, जांच के बाद सीआईडी ने दाखिल की चार्जशीट

बिहार पुलिस अपराध अनुसंधान विभाग (मद्यनिषेद ) ने इस मिलावटी शराब कांड का खुलासा कर दिया है. मुख्य अभियुक्त दीपक कुमार ने इंडिया मार्ट एप के माध्यम से कोलकाता से स्प्रिट मंगवाया था. इसके लिए किये गये वित्तीय लेनदेन और दूसरे साक्ष्य जांच एजेंसी को मिली है

जनवरी में सीवान में जहरीली शराब से हुई मौत की असली वजह कोलकाता से मंगायी गयी स्पिरिट रही थी. पुलिस मुख्यालय ने इसका खुलासा किया है. शराब बनाने के लिए दीपक ने एक एप के द्वारा कोलकाता से ऑर्डर कर ऑनलाइन स्प्रिट मंगाई थी, जिसे बाद में अल्कोहल में मिला कर शराब बनाई गयी थी.

जहरीली शराब से कई लोगों की हुई थी मौत 

सीवान के दीपक कुमार ने मंटु बिन व सुरेश बिन को और मंटु ने अपने क्षेत्र के छोटे शराब कारोबारियों के हाथों मिलावटी शराब बेची थी. जिसके पीने से इस साल की शुरुआत में 23 जनवरी को सीवान जिले बसंतपुर थाना के विभिन्न क्षेत्रों में मिलावटी शराब पीने से कई गंभीर रूप से बीमार तो कई की मौत हो गयी थी.

शराब कांड का खुलासा

बिहार पुलिस अपराध अनुसंधान विभाग (मद्यनिषेद ) ने इस मिलावटी शराब कांड का खुलासा कर दिया है. सीआइडी को अनुसंधान के क्रम में दीपक कुमार, संदीप कुमार, मंटू बिन, सुरेश बिन, अर्जुन कुमार, विकास कुमार, मोहम्मद निसार, नागेंद्र मांझी, बसंत रावत, हरेंद्र साह, दिलीप साह ,सीता बिन, नीरज दूबे, दिनेश तिवारी और गजेंद्र मिश्रा के विरुद्ध साक्ष्य मिले थे. इसके आधार पर सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. सीआइडी ने इनके विरुद्ध 28 मार्च 2023 को आरोप पत्र दाखिल कर दिया. विधि-विज्ञान प्रयोगशाला जांच में यह साबित हुआ कि अभियुक्त के घरों से मिले स्पिरिट व देसी शराब और मृतक के बिसरा में यानी दोनों में में इथाइल अल्कोहल युक्त मिथाइल अल्कोहल थी.

अभियुक्तों के घर से मिली शराब में था इथाइल अल्कोहल युक्त मिथाइल अल्कोहल

मुख्य अभियुक्त दीपक कुमार ने इंडिया मार्ट एप्स के माध्यम से कोलकाता से स्पिरिट मंगवाया था. इसके लिए किये गये वित्तीय लेनदेन और दूसरे साक्ष्य जांच एजेंसी को मिली है. स्पिरिट की बिक्री चेन सिस्टम से की जाती थी. मिलावटी शराब बनाने के लिए दीपक स्पिरिट मंटु और सुरेश को बेचता था. वहीं, मंटु और सुरेश इसकी बिक्री अपने क्षेत्र के छोटे शराब कारोबारियों को करते थे.

मुख्य अभियुक्त अभियुक्त दीपक, मंटु, नागेंद्र मांझी, बंसत बिन, सीता बिन, दिलीप साह और हरेंद्र साह के घर से मिली देसी शराब की जांच में भी विधि-विज्ञान प्रयोगशाला को इथाइल अल्कोहल युक्त मिथाइल अल्कोहल मिली. जबकि मृतक की बिसरा जांच में यही केमिकल मिले. इतना ही नहीं, मंटु बिन द्वारा स्प्रिट नष्ट करने वाले स्थान से ली गयी मिट्टी में भी इथाइल अल्कोहल युक्त मिथाइल अल्कोहल पाया गया.

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कोलकत्ता से स्प्रीट मंगाने में दीपक कुमार के साथ कई और लोगों की थी संलिप्तता

जांच के क्रम में पाया गया कि कोलकाता से स्पिरिट मंगाने में दीपक कुमार के साथ-साथ संदीप कुमार, अर्जुन कुमार, विकास कुमार और मोहम्मद निषार भी शामिल थे. स्प्रीट के परिवहन करने में नीरज दुबे, दिनेष तिवारी और गजेन्द्र मिश्रा की संलिप्तता पायी गयी है. जबकि, स्पिरिट के वितरण करने में मंटु बिन, सुरेश बिन, नागेन्द्र मांझी, बसंत रावत, हरेन्द्र साह, दिलीप साह और सीता बिन संलिप्त थी.

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