Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारपरक बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है. सात निश्चय-2 के तहत 50 लाख रोजगार देने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में सरकार ने विशेष प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है. यह कदम न केवल युवाओं को अवसर देगा, बल्कि बिहार की औद्योगिक पहचान को भी नया आयाम प्रदान कर सकता है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर राज्य के युवाओं को रोजगार और विकास की नई दिशा देने का संकल्प लिया है. 2020 में सात निश्चय-2 की घोषणा के क्रम में यह वादा किया गया था कि राज्य सरकार 50 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी. अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने विशेष प्रोत्साहन योजना का ऐलान किया है.
यह योजना न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ओर कदम है, बल्कि बिहार की औद्योगिक छवि को भी मजबूती देने वाली साबित हो सकती है.
अपने एक्स सोसल मीडिया पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिखा:

प्रोत्साहन योजना की मुख्य बातें
सरकार की इस नई घोषणा के तहत उद्योग लगाने के इच्छुक युवाओं को कई तरह की सुविधाएँ और वित्तीय सहायता दी जाएगी. इसके प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
कैपिटल सब्सिडी और ब्याज पर रियायत
उद्योग लगाने वालों को पूंजी निवेश पर विशेष छूट मिलेगी. साथ ही, बैंक से लिए गए ऋण पर ब्याज की एक निश्चित प्रतिशत राशि सरकार द्वारा वहन की जाएगी. इससे युवा उद्यमियों पर वित्तीय बोझ कम होगा.
जमीन उपलब्ध कराने की सुविधा
उद्योग लगाने के लिए जमीन की सबसे बड़ी चुनौती होती है. इस योजना के अंतर्गत सरकार युवाओं को अधिक रियायती दर पर जमीन उपलब्ध कराएगी.
विवादों का समाधान
उद्योग लगाने से जुड़े आदिवासी भूमि या अन्य कानूनी विवादों के समाधान के लिए सरकार विशेष प्रावधान करेगी. इससे उद्योग लगाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी और अनावश्यक देरी से बचा जा सकेगा.
रोज़गार पर फोकस
नई औद्योगिक इकाइयों से कम से कम पाँच वर्षों तक रोजगार देने की अनिवार्यता होगी. इसका सीधा लाभ राज्य के बेरोजगार युवाओं को मिलेगा.
युवाओं के लिए अवसरों का विस्तार
इस योजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य केवल युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि उन्हें उद्योगपति बनाने की दिशा में अग्रसर करना है. बिहार लंबे समय से रोजगार के अवसरों के मामले में पिछड़ा रहा है, जिसके कारण यहाँ के युवाओं का पलायन लगातार बढ़ा है. बड़ी संख्या में युवा पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में जाकर रोजगार तलाशते हैं.
नीतीश कुमार की यह पहल अगर जमीनी स्तर पर सही ढंग से लागू होती है, तो यह बिहार की तस्वीर बदल सकती है. युवाओं को अपने ही राज्य में रोजगार मिलेगा, जिससे उनका पलायन रुकेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी.
भविष्य की राह
नीतीश कुमार का यह कदम युवाओं में नई ऊर्जा भरने वाला है. बिहार के युवाओं को अब केवल सरकारी नौकरी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें उद्योग और उद्यमिता के जरिए आत्मनिर्भर बनना चाहिए.
अगर यह योजना सही दिशा में लागू होती है तो आने वाले वर्षों में बिहार देश के औद्योगिक नक्शे पर अपनी पहचान बना सकता है. रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, राज्य की जीडीपी में वृद्धि होगी और सबसे बड़ी बात यह होगी कि बिहार के युवा अपने ही घर में रहकर अपनी पहचान बना पाएँगे.
नीतीश कुमार की नई प्रोत्साहन योजना केवल रोजगार देने की योजना नहीं है, बल्कि यह बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास की बड़ी रणनीति है. इससे न केवल बेरोजगारी कम होगी बल्कि युवाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
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