Bihar Police: पटना. बिहार पुलिस ने राज्य को अपराध मुक्त बनाने के लिए विशेष योजना पर काम शुरू कर दिया है. माफिया नेटवर्क, फिरौती गिरोह, हथियार तस्करी और आर्थिक अपराधों के मामलों पर कार्रवाई रहे हैं. पुलिस साफ कर चुकी है कि जो कानून तोड़ेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस ने राज्य में नक्सल व उग्रवाद के साथ ही संगठित अपराध के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है. खास तौर पर विशेष कार्यबल (एसटीएफ) द्वारा बनाये गये 15 विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) संगठित अपराधियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रखा है.
नक्सलमुक्त हो चुका है उत्तर बिहार
बिहार में नक्सलियों का क्षेत्र लगातार सिमटता जा रहा है. उत्तर बिहार के नक्सल मुक्त होने के बाद अब दक्षिण बिहार की बारी है. इसके लिए झारखंड से सटे नक्सलियों के बचे प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर सुरक्षा और संचार के माध्यम मजबूत किए जा रहे हैं. इसी क्रम में झारखंड की सीमा पर 11 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किये जा चुके हैं. वहीं संचार को मजबूत करने के लिए मोबाइल टावर भी लगाए गये हैं. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह वर्षों में देश में नक्सलग्रस्त जिलों की संख्या आधी हो गई है. वर्ष 2018 में जहां 16 जिले नक्सल प्रभावित थे, वहीं 2024 तक महज आठ जिले ही नक्सली असर वाले रह गए हैं. इनमें बिहार का मुंगेर और गया है.
दो इलाकों तक सिमटा नक्सलवाद
पुलिस मुख्यालय का कहना है कि इस ऑपरेशन के परिणाम स्वरूप बिहार में नक्सली गतिविधियां अब केवल खड़गपुर और छकरबंधा के सीमित पहाड़ी क्षेत्रों तक सिमट गई हैं. अगले तीन महीने में इन क्षेत्रों को भी पूरी तरह उग्रवादमुक्त किये जाने का लक्ष्य है. बिहार पुलिस ने बताया कि उग्रवादी संगठनों की रीढ़ तोड़ने के लिए शीर्ष कमांडरों की गिरफ्तारी के साथ ही जमानत पर रिहा उग्रवादियों, उनके संरक्षकों और आर्थिक मददगारों पर कड़ी निगरानी की जा रही है. झारखंड की सीमा से लगे जंगली इलाकों में अंतर्राज्यीय समन्वय के जरिए कार्रवाई की जा रही है, ताकि नक्सली नेटवर्क फिर से संगठित न हो सके.
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