Solar Power Plant: बिहार के लोगों को बिना किसी रुकावट बिजली उपलब्ध कराने के लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. नवादा के फुलवरिया जलाशय में राज्य का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट विकसित किया जायेगा. बिहार में ऊर्जा क्रांति की यह नयी पहल ऐतिहासिक मानी जा रही है. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का विकसित होना ऊर्जा, विकास और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है.
‘नीचे मछली-ऊपर बिजली’ का सपना होगा साकार
जानकारी के मुताबिक, नवादा के रजौली प्रखंड में हरदिया पंचायत के पास फुलवरिया डैम स्थित है. यह इलाका पर्यावरण, पर्यटन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जल प्रबंधन के नजरिये से भी महत्वपूर्ण है. बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड नवादा के फुलवरिया जलाशय में फ्लोटिंग सोलर जेनरेशन परियोजना विकसित कर रही है. मुख्य रूप से यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी संकल्पना ‘नीचे मछली-ऊपर बिजली’ को साकार कर रहा है.
तैरते हुए सौर पैनलों से उत्पादित होगी बिजली
दरअसल, यह परियोजना फुलवरिया डैम के जलाशय के सतह पर तैरते हुए सौर पैनलों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करेगी. साथ ही इस योजना के तहत दरभंगा में 1.6 मेगावाट और सुपौल में 525 किलोवाट में फ्लोटिंग सौर परियोजना का निर्माण कर बिजली उत्पादन किया जा रहा है.
इतने मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
इस परियोजना से 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर अगले 25 सालों तक सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जायेगी. इससे न सिर्फ राज्य में ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि राज्य में लग रहे नए उद्योगों को भी आसानी से बिजली उपलब्ध हो जायेगी और राज्य में आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी. इस महत्वाकांक्षी योजना की सबसे खास बात यह है कि नीचे मछली पालन की जायेगी और ऊपर बिजली का उत्पादन होगा.
पर्यावरण संरक्षण में भी कारगर
यह परियोजना सिर्फ ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास पर भी पॉजिटिव प्रभाव डालती है. फुलवरिया जलाशय पर स्थापित फ्लोटिंग सोलर परियोजना स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन जल संरक्षण और आर्थिक विकास को एक साथ बढ़ावा देने वाली एक आधुनिक पहल है. यह प्रोजेक्ट बिहार में अक्षय ऊर्जा के विस्तार के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है.

