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BSSC पर्चा लीक कांड पर बोले नीतीश कुमार, CBI जांच नहीं, SIT पर पूरा भरोसा

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआइ जांच से इनकार कर दिया है. सोमवार को जदयू विधानमंडल दल की बैठक में उन्होंने कहा कि एसआइटी मामले की जांच कर रही है. बीएसएससी पेपर लीक हो या फिर टॉपर घोटाला, जांच की प्रक्रिया को जल्द अंजाम तक पहुंचाना है. मुझे एसआइटी […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआइ जांच से इनकार कर दिया है. सोमवार को जदयू विधानमंडल दल की बैठक में उन्होंने कहा कि एसआइटी मामले की जांच कर रही है. बीएसएससी पेपर लीक हो या फिर टॉपर घोटाला, जांच की प्रक्रिया को जल्द अंजाम तक पहुंचाना है. मुझे एसआइटी पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में राज्य सरकार के दोबारा अनुरोध पर सीबीआइ ने जांच शुरू की थी.लेकिन, बिहार पुलिस इस मामले में जहां तक पहुंची थी, उससे एक कदम भी आगे सीबीआइ नहीं पहुंचा है.
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि बीएसएससी पेपर लीक में अगर किसी मंत्री या विधायक के खिलाफ कोई साक्ष्य है, तो वह उसे एसआइटी के सामने पेश करे. नीतीश कुमार ने सबौर कृषि विवि के कुलपति रहे मेवालाल चौधरी के कार्यकाल में हुए नियुक्ति घोटाले की फाइल सीएम ऑफिस में लंबित रखने के विपक्ष के आरोपों को भी खारिज किया. कहा कि सच तो यह है कि कुलाधिपति (राज्यपाल) कुलपति के नियंत्रणकर्ता होते हैं. कुलाधिपति ने जांच का आदेश दिया, जिसके आलोक में विवि के प्रोक्टर ने एफआइआर दर्ज करायी. इसमें राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करने के पीछे मुद्दों को भटकाने की मंशा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री के रूप में मैंने कभी भी प्रशासनिक कामों में, खास कर किसी मामले की जांच में हस्तक्षेप नहीं किया है. विधानसभा में उपनेता श्याम रजक के आवास पर आयोजित इस बैठक का संचालन संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने किया.
भविष्य की राजनीति आपके कंधों पर, मंथन करे
मुख्यमंत्री ने पार्टी विधायकों और विधान पार्षदों से कहा कि भविष्य की राजनीति आपके कंधों पर है. आप ही में से कोई राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका में होगा, इसलिए आप सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सवालों पर गंभीरतापूर्वक मंथन करें. सदन में विधायी मामलों में रुचि लें और वाद-विवादों में भाग लें. गंठबंधन धर्म का पालन जनादेश के अनुकूल है. इसमें मेरी ओर से कोई भी शिकायत नहीं होगी. राज्य सरकार जनादेश के अनुकूल सारे तबकों के लिए काम कर रही है. जदयू के संरचनात्मक ढांचे में भी सारे तबकों का प्रतिनिधित्व है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय, कृषि रोड मैप, औद्योगिक प्रोत्साहन नीति की बदौलत ही पूर्व की भांति विकास दर के मामले में बिहार ने लगातार निरंतरता कायम रखी है. आगे भी यह जारी रहेगा.
विशेषज्ञों ने भी माना, फरक्का बराज से है परेशानी
उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में गंगा के तटवर्ती 12 जिले बाढ़ से ग्रस्त रहे हैं, इसलिए हमने गंगा की अविरलता को मुद्दा बनाया है. गंगा की अविरलता फरक्का बराज से प्रभावित होती है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दे दी है. हेलीकॉप्टर व जहाज से स्थल निरीक्षण कर विशेषज्ञों की टीम ने साफ कहा है कि फरक्का बराज से परेशानी है.
केंद्र की मंशा पर उठाया सवाल
मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया. कहा कि जदयू और महागंठबंधन सरकार ने समान नागरिक संहिता के मामले में केंद्रीय विधि आयोग की अोर से पूछे गये वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का विरोध किया है. हां या न के रूप में प्रश्न पूछे जाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानमंडल, संसद में बहस की प्रक्रिया सुनिश्चित न कर और पहले से बने हिंदू कोड बिल सहित अन्य कानूनों के संबंध में बगैर सार्थक बातचीत किये काम करना चाहती थी. इसका पार्टी व सरकार ने विरोध किया.
यूपी में धर्मनिरपेक्ष मतों का न हो बंटवारा
उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया. प्रस्तावित दिल्ली महानगर परिषद के चुनाव में पार्टी सक्रियता से चुनाव लड़ेगी.

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