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नीतीश सपा के स्थापना दिवस समारोह में नहीं जायेंगे

नयी दिल्ली/पटना : छठ पर्व के कारण मुख्यमंत्री व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार समाजवादी पार्टी के स्थापना समारोह में भाग नहीं लेंगे. जदयू के अन्य नेता इसमें शिरकत करेंगे या नहीं, इस पर एक-दो दिनों में निर्णय ले लिया जायेगा. पांच नवंबर को लखनऊ में होनेवाले इस समारोह को लेकर सपा के आमंत्रण […]

नयी दिल्ली/पटना : छठ पर्व के कारण मुख्यमंत्री व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार समाजवादी पार्टी के स्थापना समारोह में भाग नहीं लेंगे. जदयू के अन्य नेता इसमें शिरकत करेंगे या नहीं, इस पर एक-दो दिनों में निर्णय ले लिया जायेगा. पांच नवंबर को लखनऊ में होनेवाले इस समारोह को लेकर सपा के आमंत्रण पर नीतीश कुमार, शरद यादव और केसी त्यागी ने मंगलवार को नयीदिल्ली में विस्तार से चर्चा की. केसी त्यागी ने बताया कि इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि छठ पूजा के कारण मैं नहीं जा सकता हूं.आप लोग(शरद यादव व केसी त्यागी) फैसला कर लीजिए कि जाना है या नहीं. मुझे कोई आपत्ति नहीं है. बैठक के दौरान ही राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजीत सिंह से भी बात की गयी.
लेकिन, अजीत सिंह ने भी सोच-समझ कर पहल करने की बात कही है. सूत्रों का कहना है कि इस बारे में फैसले की घोषणा एक-दो दिन में करने पर सहमति बनी. बैठक में इस पर एक राय रही कि जदयू समाजवादी एकता का पक्षधर है. वह संपूर्ण एकता का हिस्सा बनना चाहता है.
गौरतलब है कि सपा के 25वें स्थापना समारोह में भाग लेने के लिए सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने जदयू और राजद के नेताओ से मुलाकात कर समारोह में आने का न्योता दिया था. लेकिन, दोनों दलों के सामने मजबूरी यह है कि इस विषय में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह की ओर से कुछ नहीं कहा गया है. चूंकि यूपी में प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच बन नहीं रही है, इसलिए दूसरे दल के नेता किसी एक गुट के बुलावे पर जाने से परहेज कर रहे हैं.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को नयी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम से मुलाकात की और सुप्रीम कोर्ट में मात्र एक रुपये में बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी का केस लड़ने के फैसले को लेकर उनका आभार जताया. सूत्रों का कहना है कि शराबबंदी के केस को लेकर राज्य सरकार शीर्ष अदालत में प्रति शपथ दायर करेगी. मालूम हो कि गोपाल सुब्रमण्यम ने हाल ही नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि बिहार सरकार ने शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा कर अभूतपूर्व काम किया है.
यह सामाजिक आंदोलन की शुरुआत है. सुब्रमण्यम ने मुकदमा लड़ने की फीस मात्र एक रुपये टोकन मनी देने का अनुरोध किया है. गोपाल सुब्रमण्यम अब तक सुप्रीम कोर्ट में एक दिन बिहार सरकार का पक्ष रख चुके हैं. साथ ही चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर बिहार सरकार के अधिकारियों और वकीलों से आवश्यक जानकारी भी ले चुके हैं. कॉन्फ्रेंसिंग करने पर भी वे बिहार सरकार से कोई राशि नहीं लेंगे.
बहस करने का हर सुनवाई में 14 लाख रुपये है फीस उत्पाद विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम सामान्य तौर पर किसी मुकदमे के लिए कोर्ट में बहस करने का हर सुनवाई में 14 लाख रुपये लेते हैं, जबकि कॉन्फ्रेंसिग कर कोई जानकारी लेनी हो, तो इसके लिए गोपाल सुब्रमण्यम की फीस चार लाख रुपये है.

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