पटना : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सभा परिसर में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शराबबंदी के कानून को लेकर भ्रम ना फैलाया जाये. उन्होंने कहा कि लोगनिश्चिंत रहें, कोई किसी को फंसाने के लिये काम करेगा तो रोकने के लिये भी कानून में कड़ा प्रावधान है. अगर कोई घर में शराब मिलने पर जिम्मेवारी नहीं लेगा तो कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात है कि चार महीने से शराबबंदी लागू है, शराब पीना बंद है, शराब नहीं रखना है तो शराब मिलता है तो कोई तो जिम्मेवार होगा.
किसी को तो जिम्मेवारी लेनी होगी-सीएम
उन्होंने कहा कि बोतल घर में मिलेगा तो जिम्मेवारी लेनी ही होगी. शराबबंदी दिखावे के लिये नहीं लागू है. शराब के खिलाफ बिहार के लोग हैं. बिहार की स्थिति बेहतर बनाने के लिये शराबबंदी जरूरी है. उन्होंने कहा कि ड्रग्स और नारकोटिक्स के प्रावधानों को भी कड़ा किया जाना चाहिए. गुजरात के मुख्यमंत्री के इस्तीफे पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका अंदरूनी मामला है.
दलित छात्र पिटायी पर बोले सीएम
छात्रों पर लाठीचार्ज के संबंध में पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में सरकार की ओर से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार निराला ने अपना वक्तव्य रख दिया है, जो लोग तथाकथित दलित छात्रवृति पर बोल रहे हैं, वह बकवास है. जो लोग मेरिट वाले हैं, उनका अपने आप नामांकन हो जाता है. अब उसके बाद कुछ लोग जो निजी संस्थानों में पढ़ते हैं, उनको पैसा देने की बात है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर से सभी छात्र–छात्रओं को 12वीं के बाद जहॉ भी पढ़ना चाहें, बिहार या बिहार के बाहर, उन सबों को चार लाख रूपये तक की सीमा का स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने जा रहे हैं.