पटना : बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में आज उत्पाद संशोधन विधेयक का मसौदा सदस्यों को उपलब्ध कराया जिसमें शराब पर प्रतिबंध कानून को और कड़ा बनाने की बात है. इसमें इस बात का प्रावधान होगा कि अगर किसी घर में शराब पायी जाती है तो परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को जेल भेजा जायेगा. प्रस्तावित उत्पाद संशोधन विधेयक का उद्देश्य वर्तमान शराब कानून को और धारदार बनाना है जिसे पांच दिवसीय मॉनसून सत्र के पहले दिन सभी सदस्यों को दिया गया ताकि वे इस पर अपनी टिप्पणी दे सकें.
घर में शराब मिली तो सभी बालिग सदस्यों को जेल
मसौदा को नीतीश कुमार कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है और सरकार चाहती है कि इसे वर्तमान मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित करा लिया जाये. विपक्षी भाजपा ने इस प्रावधान को बेहद कठोर बताते हुए कहा कि वह इसका विरोध करेगी. संशोधन में एक कड़ा प्रावधान शामिल किया गया है कि अगर किसी घर में शराब या अन्य मादक पदार्थ पाया जाता है, उपभोग किया जाता है, बनाया या बेचा जाता है तो 18 वर्ष से ऊपर के सभी सदस्यों को दंडित किया जायेगा जिसमें उन्हें जेल भेजना भी शामिल होगा.
विज्ञापन देने पर पांच साल की जेल
44 पन्ने के मसौदा उत्पाद संशोधन विधेयक में शराब या अन्य मादक पदार्थ के समर्थन में अवैध रूप से विज्ञापन देने के लिए भी कड़े दंड का प्रावधान किया गया है. इसमें कहा गया है कि कोई भी अगर मीडिया में विज्ञापन देता है जिसमें फिल्म और टीवी या किसी सोशल प्लेटफॉर्म पर शराब या मादक पदार्थ के बारे में सीधे या परोक्ष रूप से प्रचार किया जाता है तो पांच वर्ष जेल या दस लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है. इसमें यह भी प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम उम्र के नाबालिग या महिला को मादक पदार्थ की बिक्री, इसे छिपाने, ढ़ोने या वितरण में लगाते हैं उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.