22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नीतीश ने ‘संघ मुक्त” भारत का आह्वान किया

पटना : जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘संघ मुक्त’ भारत की आज बात करते हुए ‘लोकतंत्र की रक्षा’ के लिए गैर भाजपा दलों के एकजुट होने की अपील की. पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि ‘संघ मुक्त’ भारत बनाने के लिए सभी […]

पटना : जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘संघ मुक्त’ भारत की आज बात करते हुए ‘लोकतंत्र की रक्षा’ के लिए गैर भाजपा दलों के एकजुट होने की अपील की. पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि ‘संघ मुक्त’ भारत बनाने के लिए सभी गैर भाजपा दल को एक होना होगा. गत लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने ‘कांग्रेस मुक्त’ भारत का नारा दिया था.

बीजेपी बांटने वाली पार्टी

नीतीश ने कहा कि भाजपा और उसकी बांटने वाली विचारधारा के खिलाफ एकजुटता ही लोकतंत्र को बचाने का एक मात्र रास्ता है. वह न तो किसी व्यक्ति विशेष और न ही किसी दल के खिलाफ हैं, पर संघ :भाजपा का वैचारिक संगठन आरएसएस: की बांटने वाली विचारधारा के खिलाफ हैं. नीतीश ने जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के वर्तमान नेतृत्व पर प्रहार करते हुए इस दल से जून वर्ष 2013 में ही संबंध विच्छेद कर लिया था। इन दिनों वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बिहार के तर्ज पर ही राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपायी दलों को एकजुट करने के प्रयास में लगे हुए हैं.

भाजपा ने कद्दावर नेताओं को दरकिनार किया-नीतीश

शरद यादव के स्थान पर गत 10 अपै्रल को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने वाले नीतीश ने कहा कि भाजपा के तीन कद्दावर नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को पार्टी के भीतर दरकिनार कर दिया गया है और अब यह दल और सत्ता ऐसे व्यक्ति के हाथ में चली गयी है जिनका धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सौहार्द में कोई विश्वास नहीं है.

व्यापक एकता का प्रयास जारी

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बननेे के बाद नीतीश ने कहा था कि भाजपा विरोधी दलों कांग्रेस, वामदल और अन्य क्षेत्रीय दलों की 2019 के पूर्व की व्यापक एकता के लिए उनका प्रयास जारी रहेगा. उन्होंने कहा था कि हम लोग व्यापक एकता के हिमायती हैं और उसके लिए प्रयत्न करते रहे हैं और यह किसी प्रकार से होगा. कुछ दलों का आपस में मिलन भी हो सकता है. कई दलों का आपस में मोरचा और गठबंधन भी बन सकता है. कोई एक संभावना नहीं है, इस प्रकार की अनेक संभावनाएं हैं.

निरंतर प्रयास जारी है

नीतीश ने कहा कि हम लोगों का इसके लिए निरंतर प्रयास जारी है और अन्य लोगों के मन में भी यह बात है कि कोई न कोई एक व्यापक एकता होनी चाहिए ताकि लोगों को दिखे कि यह शक्ति भाजपा को बुरी तरह पराजित कर सकती है.उन्होंने कहा था कि गैर भाजपायी दलों की एकजुटता का मतलब विचारधारा और सुशासन का न्यूनतम साझा कार्यक्रम होगा.नीतीश ने यह भी कहा था कि इस मोरचे में कोई भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं होंगे जनता इस बारे में तय करेगी कि कौन इसके लायक हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें