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पंचायत चुनाव : तेली, हलवाई समेत अन्य जातियों को भी आरक्षण

पटना : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अब उन जातियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा, जिन्हें वर्ष 2011 के बाद अति पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से इस साल होनेवाले पंचायत चुनाव में ऐसी दर्जन भर जातियों को इसका लाभ मिलेगा. राज्य सरकार […]

पटना : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अब उन जातियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा, जिन्हें वर्ष 2011 के बाद अति पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से इस साल होनेवाले पंचायत चुनाव में ऐसी दर्जन भर जातियों को इसका लाभ मिलेगा.
राज्य सरकार ने 2011 के बाद करीब दर्जन भर जातियों के आरक्षण में बदलाव किया है. इस बदलाव का लाभ पंचायत चुनाव में आयोग देने जा रहा है. जिन जातियों को इस पंचायत चुनाव में अत्यंत पिछड़ा वर्ग का लाभ मिलेगा, उनमें सामरी वैश्य, हलवाई, कैथलवैश्य या कथबनिया, जागा, परैधा या परिहार, लहेड़ी, तमोली, बड़ई, तेली व दांगी शामिल हैं. इसके अलावा सरकार ने 2011 के बाद दो जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है.
इसमें खतवे जाति को चौपाल का उपाधि देते हुए एससी का लाभ दिया जा रहा है. इसी तरह से तांती (ततवा) जाति को भी अनुसूचित जाति का लाभ दिया जा रहा है. आयोग के जनसंपर्क पदाधिकारी शालिग्राम साह ने बताया कि 2011 के बाद जिन जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग या अनुसूचित जाति या जनजाति में शामिल किया गया है, उन सभी जातियों कोपंचायत चुनाव में उस कोटि के आरक्षण का लाभ दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि कई प्रखंड़ों से इस तरह की शिकायत मिल रही है. प्रखंड विकास पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि अनूसूचित जाति या जनजाति को उसकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ दिया जाना है. इससे वंचित आरक्षित पदों पर 50 फीसदी आरक्षण की सीलिंग को मानते हुए शेष सीटों पर अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया जायेगा.
पंचायत चुनाव में 75% बढ़ेगी खर्च की सीमा
पटना. पंचायत चुनाव में अब मुखिया पद के उम्मीदवार 45 हजार रुपये तक खर्च कर सकते हैं, जबकि जिला पर्षद के उम्मीदवार की खर्च सीमा 90 हजार रुपये तक की जा सकती है.
राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव खर्च की सीमा में 75 फीसदी तक की वृद्धि करने जा रहा है. मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला पर्षद सदस्य, वार्ड सदस्य और ग्राम कचहरी के सदस्यों के चुनाव खर्च की सीमा पहले से अधिक हो जायेगी. विधानसभा सदस्यों के चुनावी खर्च की सीमा में वृद्धि का आधार बना कर आयोग पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव खर्च की सीमा में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार कर रहा है.
विधानसभा सदस्यों की चुनाव खर्च सीमा को 16 लाख से बढ़ा कर 28 लाख कर दिया गया है यानी 75% की बढ़ोतरी की गयी है. बढ़ती महंगाई व आदर्श आचार संहिता के पालन को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के चुनावी खर्च की सीमा में वृद्धि कर रहा है. आदर्श आचार संहिता को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों

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