पीड़ितों से मिले पूर्व मुख्यमंत्री
अजीजपुर : पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अजीजपुर कांड को गहरी साजिश का नतीजा बताया है. उन्होंने कहा कि कम समय में कैसे इतने लोग इकट्ठा हो गये, इसकी जांच की जा रही है.
लेकिन, जो बात सामने आ रही है, उससे साफ है कि उपद्रवियों के इरादे और भी खतरनाक थे. पूरे प्रदेश को सांप्रदायिकता की आग में ढकेलने की साजिश थी. लेकिन, शैल देवी जैसे लोगों ने उन्हें पूरा नहीं होने दिया. पूर्व मुख्यमंत्री ने शुकवार को अजीजपुर कांड के पीड़ितों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात कररहे थे.
वरिष्ठ जदयू नेता नीतीश कुमार का काफिला दिन में लगभग डेढ़ बजे अजीजपुर गांव पहुंचा. वह सीधे मोहम्मद रज्जाक के घर पहुंचे. यहां पहले से आगजनी पीड़ित व मृतकों के परिजन इकट्ठा थे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने लगभग एक घंटे तक इन लोगों की बातें सुनीं. इस दौरान पीड़ितों ने एक-एक कर अपनी बात रखी. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री पीड़ितों की बातों को ध्यान से सुनते रहे. कुछ ही मौकों पर वह बोले. इसके बाद नीतीश कुमार एक-एक करके सभी आगजनी पीड़ित लोगों के घर गये. लगभग एक घंटे तक उन्होंने आगजनी से क्षतिग्रस्त घरों को देखा.
इस दौरान पीड़ितों के परिजन उन्हें अपने घर की ओर बुला रहे थे. पीड़ितों से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि अजीजपुर की घटना मानवता के नाम पर कलंक है.
यहां पर अकारण निदरेष लोगों को जला कर मार दिया गया. पूरे घटनाक्रम को सुनने के बाद यह समझ में आता है कि यहां एक ओर बहशी लोग थे, तो दूसरी ओर अच्छे लोग भी थे, जिन्होंने लोगों को बचाने का काम किया. पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि भारतेंदु का शव मिलने के बाद इतने कम समय में सैकड़ों की संख्या में लोग कैसे पहुंच गये?
उन्होंने कहा कि हमें जो जानकारी मिली है, उसमें यह सामने आया है कि उपद्रवी टाटा-407 व मोटरसाइकिलों से अजीजपुर पहुंचे थे. इनके इरादे ठीक नहीं थे. ये बिहार को अशांत करना चाहते थे. प्रदेश को सांप्रदायिकता की आग में ढकेलना चाहते थे. पुलिस इसकी जांच कर रही है, जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं, उन्हें देखा जा रहा है. घटना के दौरान जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने अच्छा काम किया. इसमें विशेष तौर पर डीएम व एसएसपी बधाई के पात्र हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसकी जांच की जा रही है. यह देखना है कि आखिर तीन घंटे तक किसके कहने पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे? पीड़ितों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. घर के गहने-जेवर से लेकर अनाज तक लूट लिया गया और आग के हवाले कर दिया गया है. प्रशासन की ओर से इसका सव्रे कराया जा रहा है कि नुकसान के हिसाब से मुआवजा दिया जायेगा.
जदयू नेता ने कहा कि घायलों के इलाज में कोताही को लेकर कुछ शिकायत मिली है. इस पर हमने डीएम से कहा है कि अस्पताल में पीड़ितों के लिए अलग से डॉक्टरों की तैनाती कर दी जानी चाहिए, ताकि किसी भी पीड़ित को इलाज के लिए नहीं भटकना पड़े. उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था प्रशासनिक स्तर पर की गयी है. साथ ही स्वयंसेवी संस्था के लोग भी इसमें लगे हैं. जिन घरों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें बनाने का काम किया जाना चाहिए. जरूरत पड़े, तो मुजफ्फरपुर से मिी आदि बुला कर उन्हें बनवाया जाये.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अजीजपुर गांव में कोई भी व्यक्ति लापता नहीं है. इसकी जानकारी मुङो मिली है, जो भी लोग आगजनी के दौरान घर छोड़ कर गये थे. वे सभी लौट आये हैं. जिन लोगों ने अजीजपुर कांड को अंजाम दिया है, उन्हें किसी भी कीमत पर सजा दिलायी जायेगी. इस दौरान एक व्यक्ति ने मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है. वह सक्षम है. सीबीआइ जांच कराने की जरूरत नहीं है. अजीजपुर के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बहिलवारा गांव गये, जहां उन्होंने भारतेंदु के परिजनों से मुलाकात की और पूरी घटना की जानकारी ली. भारतेंदु के घर पर भी पूर्व मुख्यमंत्री लगभग 40 मिनट तक रहे.
