पटना : बिहार में राजधानी पटना समेत कई अन्य शहरों में पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ते प्रदूषण की समस्या को गंभीर मानते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राज्य के आला अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की. मुख्यमंत्री आवास स्थित संवाद कक्ष में आयोजित इस विशेष बैठक में उन्होंने प्रदूषण की बढ़ते स्तर को लेकर बेहद चिंता जतायी और इसे नियंत्रित करने के लिए कई अहम निर्देश दिये और इसे तुरंत लागू करने को कहा.
इस बैठक में लिये गये सभी अहम फैसलों की जानकारी मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मुख्य सचिवालय के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 15 साल से पुराने कोई भी सरकारी वाहन नहीं चलेंगे. जिला से लेकर प्रखंड और अन्य किसी भी सरकारी कार्यालय में ऐसे कोई भी पुराने वाहनों का प्रयोग नहीं किया जायेगा. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इसके अलावा पटना महानगर इलाके में भी 15 साल से ज्यादा पुराने किसी व्यावसायिक वाहन के परिचालन पर पूरी तरह से रोक रहेगी. दूसरे शहरों में फिलहाल ऐसे व्यावसायिक वाहनों पर फिलहाल रोक नहीं लगायी गयी है.
वहीं, 15 साल पुराने निजी वाहनों को अपना प्रदूषण जांच करवा कर सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा. अगर बिना इस सर्टिफिकेट के ऐसे कोई वाहन सड़क पर चलते पाये गये, तो संबंधित वाहन पर कार्रवाई की जायेगी. ये सभी आदेश परिवहन विभाग की तरफ से 6 नवंबर को अधिसूचना जारी होने के बाद पूरी तरह से लागू हो जायेंगे. वाहनों के प्रदूषण जांच के लिए परिवहन विभाग शहर में कई स्थानों पर प्रदूषण जांच केंद्र के लिए कैंप लगायेगा और पुराने वाहनों की जांच के लिए सघन अभियान चलाया जायेगा.
समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि कुल प्रदूषण में 30 फीसदी इसका कारण वाहन प्रदूषण ही है. इस वजह से वाहनों को लेकर ही सबसे पहले अहम निर्णय लिये गये हैं. इसके अलावा यह भी पाया गया कि कई वाहन खासकर टेम्पो समेत ऐसे अन्य वाहन केरोसिन से चलाये जा रहे हैं. ऐसे वाहनों की जांच के लिए भी सघन चेकिंग अभियान चलाया जायेगा और इन वाहनों को जब्त करके इसके चालकों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
बैठक में निर्माणाधीन स्थलों को लेकर भी खास निर्देश दिये गये हैं. शहर में जहां भी सरकारी या निजी किसी तरह का निर्माण कार्य चल रहा है. इन्हें हर हाल में ढक कर करना है. सड़क समेत अन्य बड़े सरकारी निर्माण स्थल पर निरंतर पानी का छिड़काव करना है. ताकि इन स्थानों पर धूल नहीं उड़े. जिन प्रमुख सड़कों पर ज्यादा धूल उड़ती है, वहां पानी का छिड़काव कराया जायेगा. निजी निर्माण कार्यों को लेकर नगर निगम को यह सख्त हिदायत दी गयी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ढक कर निर्माण कार्य चले.
जितनी भी निर्माण सामग्रियों का परिचालन वाहनों के माध्यम से कराया जायेगा, उन्हें अच्छे से ढकना अनिवार्य होगा. किसी तरह की निर्माण सामग्री को बिना ढके इनका परिचालन करने पर कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा किसी आयोजन मसलन मेला, पार्टी या अन्य किसी समारोह में चलने वाले जेनरेटर सेट का साइलेंस और कम धुआं छोड़ने वाले का ही प्रयोग किया जायेगा. इसे भी अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है. शहर समेत अन्य किसी स्थान पर नगर निगम की कचरा ढोने वाली गाड़ियों को हर हाल में ढककर ही चलाया जायेगा. कचरे को किसी वाहन में खुले रूप में कहीं नहीं ले जाना है, इसे लेकर सख्त हिदायत जारी की गयी है.
पराली जलाने पर कृषि विभाग के स्तर से होगी सख्त कार्रवाई
ग्रामीण इलाकों में पराली जलाने के मामले में कृषि विभाग को कहा गया है कि वे इसे लेकर नियम तैयार करे. अगर कहीं से इस तरह की घटना होती है, तो संबंधित किसान या अन्य व्यक्ति पर कार्रवाई करने और इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने की व्यवस्था कृषि विभाग के स्तर से की जायेगी. जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत इसे लेकर खासतौर से जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. ग्रामीण इलाकों में लोगों को पराली जलाने से रोकने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.