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कमजोर छात्रों को नहीं छोड़नी पड़ेगी बीच में पढ़ाई

अनुराग प्रधान, पटना : आइआइटी में पढ़ाई समझ में नहीं आने पर अब स्टूडेंट्स को बीच में पढ़ाई नहीं छोड़नी पड़ेगी. बीटेक की पढ़ाई समझ में नहीं आने पर स्टूडेंट्स को बीच में कोर्स से बाहर निकलने और कोर्स बदलने का मौका मिलेगा. इसके लिए आइआइटी काउंसिल नयी योजना ला रही है. इस मामले पर […]

अनुराग प्रधान, पटना : आइआइटी में पढ़ाई समझ में नहीं आने पर अब स्टूडेंट्स को बीच में पढ़ाई नहीं छोड़नी पड़ेगी. बीटेक की पढ़ाई समझ में नहीं आने पर स्टूडेंट्स को बीच में कोर्स से बाहर निकलने और कोर्स बदलने का मौका मिलेगा. इसके लिए आइआइटी काउंसिल नयी योजना ला रही है. इस मामले पर 27 सितंबर को आइआइटी, दिल्ली में काउंसेलिंग की बैठक में चर्चा होगी. यह योजना इसी सत्र में लागू हो सकती है़

जानकारी के अनुसार प्रत्येक आइआइटी से बड़ी संख्या में छात्र बीच में पढ़ाई छोड़े देते हैं. बीटेक कोर्स के पहले सेमेस्टर में ही करीब तीन हजार छात्र फेल हो जाते हैं. आइआइटी दोबारा परीक्षा का मौका देता है, लेकिन तनाव के चलते कुछ ही छात्र सफल हो पाते हैं.
ऐसे छात्र आइआइटी से बाहर निकाले जाने के बाद कहीं एडमिशन नहीं ले पाते हैं. तनाव के कारण छात्र आत्महत्या भी कर लेते हैं. इसी सब परेशानी को दूर करने के लिए आइआइटी काउंसिल नयी योजना लेकर आ रही है.
दो सालों में 2461 छात्रों ने पढ़ाई छोड़ी
देश के विभिन्न आइआइटी में भी पिछले दो सालों में 2461 स्टूडेंट्स ने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी है. इनमें 1290 छात्र सामान्य वर्ग और 1171 छात्र आरक्षित वर्ग के हैं. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल में ही आइआइटी के संबंध में एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
रिपोर्ट में पाठ्यक्रम समझ नहीं आना, तनाव और नौकरी को इसका मुख्य कारण बताया गया है. सबसे अधिक आइआइटी, दिल्ली में 782 स्टूडेंट्स ने पढ़ाई छोड़ी है. वहीं आइआइटी खड़गपुर में 622 स्टूडेंट्स ने पढ़ाई छोड़ी है
आइआइटी, पटना में भी पिछले दो सालों में 127 स्टूडेंट्स ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ी है. इनमें बीटेक के साथ-साथ एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम में शामिल स्टूडेंट्स भी शामिल हैं. बीटेक की अपेक्षा एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम में अधिक स्टूडेंट्स बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं. इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है.
बीएससी इंजीनियरिंग में शिफ्ट किये जायेंगे कमजोर छात्र
देश के 23 आइआइटी में इसी सत्र से कमजोर और लगातार फेल होने वाले स्टूडेंट्स को बीएससी इंजीनियरिंग के दूसरे सेमेस्टर में शिफ्ट किया जायेगा. इस डिग्री प्रोग्राम में छह सेमेस्टर की पढ़ाई होगी. अगर काउंसिल बैठक में सभी 23 आइआइटी इस बात पर सहमत होते हैं, तो यह योजना इसी सत्र लागू हो जायेगी.
इसके अलावा आरक्षित वर्ग के कमजोर छात्रों को स्कॉलरशिप के साथ एक साल का विस्तार देने का प्रस्ताव भी लाया जा रहा है. बैठक में संस्थानों की रैंकिंग गिरने के मामले पर भी चर्चा होगी.
बीच में पढ़ाई छोड़ने की स्थिति
आइआइटी सामान्य आरक्षित
दिल्ली 782 356
खड्गपुर 622 323
कानपुर 190 84
मुंबई 263 115
चेन्नई 128 58
गुवाहाटी 12 10
बीएचयू 07 00
हैदराबाद 85 37
आइआइटी सामान्य आरक्षित
पटना 92 35
भुवनेश्वर 39 19
इंदौर 50 17
मंडी 34 09
रोपड़ 34 20
तिरुपति 18 12
जोधपुर 21 10
जम्मू 06 00

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