14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

साइबर ठगी की ‘तंत्र विद्या’ ने छुड़ायी दिल्ली-मुंबई की कमाई, बैंक के टाइम पर ही चलता है ठगी का खेल

विजय सिंह साइबर क्रिमिनलों के कॉल सेंटर में महिला रिश्तेदार भी हो रही हैं शामिल पटना : साइबर क्राइम की ‘तंत्र विद्या’ ने अकूत कमाई का रास्ता खोल दिया है. इस धंधे में उतरने के बाद नवादा, शेखपुरा और नालंदा जिले के कुछ खास गांवों में तस्वीर ही बदल गयी है. इस धंधे से जुड़ने […]

विजय सिंह
साइबर क्रिमिनलों के कॉल सेंटर में महिला रिश्तेदार भी हो रही हैं शामिल
पटना : साइबर क्राइम की ‘तंत्र विद्या’ ने अकूत कमाई का रास्ता खोल दिया है. इस धंधे में उतरने के बाद नवादा, शेखपुरा और नालंदा जिले के कुछ खास गांवों में तस्वीर ही बदल गयी है. इस धंधे से जुड़ने के बाद दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में मेहनत की कमाई रास नहीं आ रही है. इन गांवों में इन दिनों सिर्फ गांव वाले ही नहीं रह रहे हैं, बल्कि रिश्तेदारों का भी यहां डेरा हो गया है.
सूत्रों की मानें तो साइबर ठगी करने वाले इन गांवों के गैंगों ने अपने महिला रिश्तेदारों को भी अपने ठगी वाले ‘कॉल सेंटर’ में नौकरी दे दी है. रिश्ते में लगने वाले मौसा, फूफा, जीजा इन गांवों में आकर जम गये हैं. रिश्तेदार पढ़ी-लिखी युवतियां, महिलाएं साइबर क्रिमिनलों की थोड़ी से ट्रेनिंग के बाद फोन पर ‘स्मार्ट टॉक’ करके ऑनलाइन ठगी के धंधे को धार दे रही हैं. खास बात यह है कि पुलिस के बड़े अधिकारी भी मान रहे हैं कि इस तरह के खेल में स्थानीय थाना शामिल है. अधिकारी स्तर पर इसकी मॉनीटरिंग शुरू हो गयी है.
जामताड़ा के बाद नालंदा का एक गांव बना ट्रेनिंग सेंटर
साइबर क्राइम के लिए झारखंड का जामताड़ा नेशनल फेम में आ चुका है. यहां सिर्फ ठगी नहीं होती है, बल्कि साइबर क्रमिनलों को एक तरह से ट्रेनिंग भी दी जाती है.
बिहार का पड़ोसी राज्य होने के कारण नालंदा, नवादा और शेखपुरा के कुछ लोगों ने भी जामताड़ा में जाकर साइबर क्रिमिनलों के गैंग में शामिल होकर हाथ साफ किया. लेकिन साइबर की ठगी विद्या सीखने के बाद ये लोग वापस अपने गांव आ गये हैं.
यहां से धंधे की शुरुआत की और अब हालत यह है कि नालंदा जिले का एक गांव जामताड़ा के बाद मिनी ट्रेनिंग सेंटर बन गया है. अब सूबे के लड़के ठगी विद्या के लिए इस गांव में ही ट्रेनिंग ले रहे हैं. यही वजह है कि साइबर क्राइम का गैंग आसपास के गांवों में बढ़ता जा रहा है.
बैंक के टाइम पर ही चलता है ठगी का खेल
साइबर क्रिमिनल वर्किंग डे में ही काम करते हैं. बैंक बंद तो इनका धंधा भी बंद. बैंक के टाइम पर इनका भी ठगी का खेल शुरू हो जाता है. इसके बाद दोपहर में बैंक की तरह 1:30 बजे इनका लंच होता है. फिर दोबारा 2:30 बजे से ये लोग धंधे में उतरते हैं. शाम पांच बजे के बाद ठगी के पैसे का हिस्सा लगता है. गैंग की इन हरकतों से गांव के शरीफ लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें