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राजद का 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण पर विरोध, सत्ता में देती है 30 फीसदी भागीदारी

शशिभूषण कुंवर पटना : भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में सभी जाति के आर्थिक रूप से गरीब उच्च वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण का विरोध करनेवाला राजद अपने हिस्से से सत्ता में 30 फीसदी टिकट सवर्ण नेताओं को देता रहा है. यह उम्मीद की जा रही है कि 2019 के लोकसभा […]

शशिभूषण कुंवर
पटना : भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में सभी जाति के आर्थिक रूप से गरीब उच्च वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण का विरोध करनेवाला राजद अपने हिस्से से सत्ता में 30 फीसदी टिकट सवर्ण नेताओं को देता रहा है.
यह उम्मीद की जा रही है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी राजद अपने हिस्से से इतनी ही सीटें सवर्णों के खाते में डालेगा. पिछले दो लोकसभा चुनाव में आरक्षण की प्रबल पैरोकार रही राजद में सवर्ण वर्ग के उम्मीदवारों को बड़ी भागीदारी दिया था. लोकसभा द्वारा पारित सवर्ण आरक्षण में हिंदू के अलावा मुसलमान भी शामिल हैं.
बिहार में सिख और ईसाई प्रत्याशियों के लिए किसी दल द्वारा टिकट नहीं दिया गया है. ऐसे में राजद से यह उम्मीद करना बेमानी होगा. पिछली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण के पुनर्विचार के मुद्दे को चुनाव में जोर-शोर से भुनाया. पर, सत्ता की भागीदारी करने में खुद सवर्णों की झोली में 10 सीटें सौंप दी.
यह राजद के खाते में आयी सीटों का करीब 35 प्रतिशत होता है. पश्चिम चंपारण की सीट से रघुनाथ झा (ब्राह्मण),पूर्वी चंपारण विनोद श्रावास्तव (कायस्थ) शिवहर से अनवारूल हक (शेख) ,मधुबनी से अब्दुलबारी सिद्दीकी (शेख), दरभंगा से अली अशरफ फातमी (शेख) को दी गयी. सारण क्षेत्र में वैशाली की सीट डाॅ रघुवंश प्रसाद सिंह (राजपूत), सीवान से हिना शहाब (शेख), महराजगंज की सीट प्रभुनाथ सिंह (राजपूत) को दी गयी. अंग प्रदेश में बेगूसराय की सीट मो तनवीर हसन (सैयद ) को मिली तो शाहाबाद क्षेत्र में बक्सर की सीट पर फिर से जगदानंद सिंह (राजपूत) को उतारा गया. इसके पूर्व 2009 में राजद और लोजपा का गठबंधन था.
आबादी के अनुसार मिले आरक्षण की हिस्सेदारी : उपेंद्र
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आबादी के अनुसार आरक्षण की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. इसलिए जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक हो. इससे दलित,वंचितों, अल्पसंख्यकों आदि सबको न्याय मिल जायेगा. सामाजिक न्याय की बात करनेवाले केवल जुमलेबाजी कर रहे हैं. ऐसे लोगों को नीचे लाने व सबक सिखाने की जरूरत है. किसी दल का नाम लिए बगैर कहा कि चुनाव में कहा जाता था कि वोट नहीं देनेवाले को पाकिस्तान भेज दिया जायेगा.
बिहार सहित देश की जनता अब ऐसे ही लोगों को रेगिस्तान भेजने का काम करेगी. स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल कयूम अंसारी की याद में रालोसपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित मुस्लिम बेदारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए बोल रहे थे. उन्होंने लोगों से कहा कि ठगनेवाले से सावधान रहने की जरूरत है. अगर आप जगे रहेंगे तो ठगायेंगे नहीं.
लोस चुनाव लड़ना चाहता हूं, पहली प्राथमिकता बांका : नरेंद्र सिंह
जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा है कि यदि पार्टी टिकट दे तो वे लोस चुनाव लड़ना चाहते हैं. उनकी पहली प्राथमिकता बांका सीट है. साथ ही उनकी प्राथमिकता में वैशाली, आरा, काराकाट और औरंगाबाद सीट शामिल हैं.
उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सवर्ण आरक्षण में आय की अधिकतम सीमा आठ से बढ़ा कर 12 लाख सालाना व जमीन की सीमा पांच से आठ एकड़ करने, 10 लाख सालाना की आय को करमुक्त करने की मांग की.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने गरीब सवर्णों के लिए किसी अन्य नेता से अधिक काम किया है. नरेंद्र मोदी की सरकार ने जो आरक्षण दिया है उसे सवर्ण आरक्षण नहीं कहा जा सकता. सवर्ण आरक्षण का नाम देकर भ्रांति फैलायी जा रही है. संविधान की मौलिक संरचना में बिना किसी सर्वे, अध्ययन या दस्तावेज का इसे पास कराया गया, उस पर विरोध है.
-मनोज झा, सांसद, राजद

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