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तेज धूप और क्रिकेट की खुमारी मतदान पर भारी

तेज धूप और िक्रकेट की खुमारी ने पटना नगर निगम चुनाव के प्रति मतदाताओं का उत्साह कम कर दिया. कई बूथों पर सुबह मेें वोटरों की अच्छी भीड़ देखी गयी, लेकिन जैसे-जैसे पारा चढ़ता गया, वैसे-वैसे मतदाताओं की संख्या भी कम होती गयी. इस कारण शाम पांच बजे तक 46 प्रतिशत ही वोट पड़े. मतदान […]

तेज धूप और िक्रकेट की खुमारी ने पटना नगर निगम चुनाव के प्रति मतदाताओं का उत्साह कम कर दिया. कई बूथों पर सुबह मेें वोटरों की अच्छी भीड़ देखी गयी, लेकिन जैसे-जैसे पारा चढ़ता गया, वैसे-वैसे मतदाताओं की संख्या भी कम होती गयी. इस कारण शाम पांच बजे तक 46 प्रतिशत ही वोट पड़े.
मतदान के दौरान प्रशासन चुस्त-दुरुस्त दिखा, जिससे कहीं भी कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई. पर, कई जगहों पर प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच तनातनी की बात सामने आयी. कई बार विवाद को लेकर अफवाह भी उड़ी, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण कुछ ही देर में सबकुछ सामान्य हो गया. वहीं, पटना सिटी के कई बूथों पर इवीएम में गड़बड़ी पाये जाने की शिकायत दंडाधिकारी ने प्रभारी एसडीओ से की. इसके बाद उन जगहों पर इवीएम बदल कर फिर से मतदान शुरू कराया गया.
कंकड़बाग : आधी-आबादी ने नहीं की पूरी भागीदारी
रविवार, सुबह 6:45 बजे कंकड़बाग ऑटो स्टैंड, जहां नगर निगम के कंकड़बाग अंचल कार्यालय में वार्ड संख्या 32 के चार बूथ हैं. इन बूथों पर प्रतिनियुक्त मतदान कर्मी से लेकर सुरक्षा कर्मी ड्यूटी पर तैनात हो गये. सुबह 7:00 बजे इन बूथों पर मतदाताओं से ज्यादा भीड़ पोलिंग एजेंड की थी. 7:05 बजे पहला मतदाता रामेश्वर प्रसाद पहुंचे और बूथ संख्या एक पर अपना मताधिकार का उपयोग किया. इसके बाद मतदाताओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन मतदाताओं को लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ी. इसकी वजह थी – बूथ पर इक्का-दुक्का मतदाता ही पहुंच रहे थे.
वार्ड-32 के बूथ संख्या एक पर कुल मतदाताओं की संख्या 1198 है. यहां 8:45 बजे तक सिर्फ 22 वोट गिरे. वहीं, बूथ संख्या दो पर कुल 1202 मतदाताओं में 8:50 बजे तक सिर्फ 50 वोट, बूथ संख्या तीन पर कुल 1187 मतदाताओं में से 8:55 बजे तक 42 ने वोट डाले थे और बूथ संख्या चार पर मतदाताओं की संख्या कुल 1157 में 9:00 बजे तक सिर्फ 50 वोट गिरे थे.
घर से नहीं निकलीं महिलाएं: लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तरह महिलाएं वोट देने के लिए घर से नहीं निकलीं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वार्ड संख्या 34 के बूथ संख्या दस पर कुल मतदाताओं की संख्या 1038 है. इसमें सुबह 9:10 बजे तक सिर्फ 23 वोट गिरे थे. इसमें 15 वोट पुरुष और आठ वोट महिलाओं के वोट थे. यही स्थिति वार्ड संख्या-34 के गंगा देवी महिला कॉलेज स्थित बूथ संख्या दो, तीन, चार और पांच की भी थी. इन बूथों पर 9:30 बजे तक आठ से दस प्रतिशत वोटिंग हुई, जिसमें महिलाओं की संख्या काफी थी.
रिहायशी इलाके से नहीं निकले वोटर : कंकड़बाग कॉलोनी. इसमें पीसी कॉलोनी, डॉक्टर्स कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी, अशोक नगर, हनुमान नगर,पत्रकार नगर आदि प्रमुख मुहल्ला है, जिसमें शहर के संभ्रांत लोग रहते हैं. बड़ी संख्या में इन इलाकाें से मतदाता घर से नहीं निकले.
वार्ड संख्या 32 के बूथ संख्या एक, दो, तीन, चार हो या फिर वार्ड संख्या 34 के बूथ संख्या दो, तीन, चार इन बूथों पर 10:30 बजे तक सिर्फ 15 से 20% वोटिंग हुई थी.
लंबी कतारें और चाय की चुस्की के साथ बतकही भी
सुबह : 9:56 बजे : हम पूर्वी लोहानीपुर के मतदान संख्या 29 से 100 मीटर की दूरी पर मुख्य सड़क पर हैं. बूथ के सामने सड़कों पर सन्नाटा है. कुछ लोग हैं, जो कृष्णा चाय की दुकान पर जमे हैं. एक और बुजुर्ग आते हैं, जिनके चेहरों पर झुरियां हैं, हाथ में सहारे के लिए लाठी है पर आवाज बुलंद है.
दूसरे साथी से सवाल करते हैं क्या हाल है वोट दिये हैं, जवाब देने के बजाये उधर से सवाल आता है, तोहनी वोट देहली हे, कड़क आवाज में जवाब मिलती है ह दे देलियो ही. भले इ नगर निगम के चुनाव हलअव, लेकिन लगते हलवअ, जैसे विधानसभा के वोट दे रहलिओ हल. निगम के चुनाव पहले की तरह न लगते हलअव, हम त अपन मरजी से वोट डलले हिअव, केकरो प्रेशर में न उइलिअव, अपने बीच अनजान को देख बाबा तुरंत पहचान लेते हैं और झट से बोलते हैं तू बबुआ प्रेस वाला ही का? तोहरा तो सब पता होतअव कौन जीतते हअव और कौन हरतवअ… हम चुप रहे और वह चाय की चुस्की लेने लगते हैं.
माहौल देख तसवीर हो गयी साफ : वार्ड 42 के कुछ लोगों से हमने माहौल जानने की कोशिश की. तो तसवीर और साफ हो गयी. जवाब मिला इस बार एक ही प्रत्याशी को एकतरफा वोट जा रहा है. इस बार के चुनाव में पोलिंग बूथ पर दबंगों का साया नहीं है, कोई कान नहीं फूंक रहा था.
हालांकि, पार्षद प्रत्याशी के कुछ लोग इस बार उनको ही वोट देना है कि बात कह रहे हैं, लेकिन किसी ने दबाव नहीं बनाया. हर
गली-मोहल्ले में लोग स्वतंत्र व बेफिक्र होकर मतदान कर रहे हैं.
पुलिस ने लगायी फटकार
सुबह : 10:48 बजे : खबर आती है कि आर्य कन्या विद्यालय नया टोला के बूथ नंबर 12 पर कुछ लोग गलत मत का प्रयोग कर रहे हैं. हालांकि, सूचना गलत थी. पुलिस ने कुछ लोगों को फटकार लगायी.
सुबह में तेजी से पड़े वोट, दोपहर में बूथ पर सन्नाटा : दोपहर : 12.30 बजे : हम राजेंद्र नगर गोलंबर के मतदान केंद्र संख्या 20 पर पहुंचते हैं. यहां कुल 908 वोटरों की संख्या है. इसमें 512 पुरुष और 396 महिला वोटर हैं. जिसमें से अब तक 128 वोट पड़ चुके हैं. इसमें पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक थी.
शांतिपूर्ण मतदान के बीच िछटपुट िशकायतें भी आयीं
सुबह 9 बजे सड़कों पर आम दिनों के मुकाबले काफी कम चहल-पहल थी, लेकिन लोग अपने-अपने बूथ पर मतदान करने के लिए आ जा रहे थे. कड़ी धूप वोटरों के मनोबल को तोड़ रही थी और इसकी वजह से सुबह वोटिंग अधिक हुई.
सारे मतदान केंद्रों पर बाहर कुछ दूरी पर परची वितरण का काम चल रहा था. सड़कों पर निजी वाहन चल रहे थे वहीं कुछ इक्के-दुक्के ऑटो रिक्शा भी चल रहे थे. बूथों पर काफी शांतिपूर्वक मतदान चल रहा था. लेकिन मतदान करनेवालों की संख्या काफी कम थी. सुबह 9:40 बजे लोहानीपुर के वार्ड संख्या 36 में 29 बूथों पर काफी शांतिपूर्वक मतदान चल रहा था. यहां इस समय तक 1260 में करीब 150 वोट ही पड़े थे.
यानी मतदान करने की रफ्तार काफी कम थी. लोग बात कर रहे थे कि 30-40 प्रतिशत से अधिक मतदान होने की उम्मीद नहीं है. यहां कुछ वोटर नाराज भी दिखे कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है. यहां चलंत मतदान केंद्र बनाया गया था और कुछ लोगों की शिकायत यह भी थीकि काफी खोजते हुए यहां पहुंचे थे.
सुबह 10:15 बजे राजकीय संस्कृत कॉलेज काजीपुर व राजकीय बालिका उच्च विद्यालय काजीपुर वार्ड 42 और बूथ संख्या 24 व 25 पर स्थिति सामान्य थी. यहां पर भी सुबह ज्यादा लोग वोट करने आये थे, बाद में गति कम हो गयी. लोग शांतिपूर्वक मतदान कर रहे थे.
अल्लाह बहुत गरमी है, कुछ तो रहम कर
शाहगंज इलाके में मुसलिम मतदाता गरमी को लेकर काफी परेशान नजर आये. यहां के अधिकांश मतदाताओं के जुबान से बार-बार यह निकल रहा था अल्लाह बहुत गरमी है, कुछ तो रहम कर. इसका मुख्य कारण यह था कि फेरबदल होने से कई मतदान केंद्र लोगों के घर से दूर हो गये. इसके कारण चिलचिलाती धूप में पैदल चलने में रोजेदारों को परेशानी हो रही थी.
आराम-आराम से
हो रहा है काम
राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, राजेंद्र नगर, काजीपुर के बाहर प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सर, सब काम आराम-आराम से हो रहा है. कोई परेशानी नहीं है. सुबह अधिक लोग आये थे, लेकिन धूप बढ़ने से अभी लोग कम आ रहे हैं. 10:30 बजे तक 250 मतदाताओं ने ही वोट दे दिया था.
आसमान से बरसती रही आग, सड़कों पर सन्नाटा
पटना : रविवार, 4 जून. आमतौर पर शहर में रोज वाला शोर नहीं दिखा. मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, छोटी-छोटी दुकानें सब बंद हैं. चाय-पानी की दुकान भी नहीं दिखीं. दोपहर के करीब 12 बजे डाकबंगला चौराहा का नजारा ऐसा, जैसे वहां पर कर्फ्यू लगा हो. थोड़ी थोड़ी देर में बाइक गुजर रही थीं. कभी-कभी कार भी दिख रहे थे. यही हाल रामगुलाम चौक, गांधी मैदान का भी रहा.
बोरिंग रोड, राजापुल, कुर्जी सभी जगह मॉल बंद रहे. यही हाल कोतवाली टी, जंकशन रोड, बुद्ध मार्ग, कंकड़बाग, गर्दनीबाग, एयरपोर्ट इलाका, राजा बाजार, दीघा, अशोक राज पथ, बेली रोड, शास्त्री नगर समेत अन्य जगहों पर भी रहा. लोग सिर्फ मतदान स्थल पर जाते दिख रहे थे. शहर में खाने-पीने की दुकानें बंद रहीं. दुकानों पर लगने वाला जमावड़ा नहीं था. बिल्कुल सन्नाटा. जो लाेग वोट देने या किसी अन्य कार्य से बाहर निकले थे वह इधर-उधर भटकते रहे. कुछ राहत सुधा के बूथ खुलने से थी. वेटनरी कॉलेज से एयरपोर्ट की तरफ बढ़ते वक्त एक सुधा के बूथ पर लोगों की भीड़ दिखी. लोग दही और छाछ से गला तर कर रहे थे.
मरल के नाम हय लिस्ट में लेकिन जिंदा के ना हय
लिस्ट में मरल अदमी के नाम हय और जिंदा के नामे न हय. यह व्यथा जैबुन निशा का है जिसे अधिकारियों ने बताया कि आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. इसलिए आप वोट नहीं डाल सकती. मामला वार्ड संख्या 36 के मतदान केंद्र संख्या 29 का है. निशा बार-बार अपना आधार कार्ड देखने को अधिकारी से आग्रह करती रहीं पर किसी ने नहीं सुना.
इसी तरह की शिकायत राम हरि ने भी अपना वोटर कार्ड दिखाते हुए कहा. इस तरह का मामला एक-दो का नहीं, एक सौ से अधिक लोगों का है जो अपने मताधिकार से वंचित रह गये. इन लोगों को कहना था कि विधानसभा में मतदान किया था मगर नगर निगम में वोट नहीं डाल पा रहे हैं.
खोजते-खोजते मिला मतदान केंद्र : वार्ड-36 की मतदाता प्रीति चतुर्वेदी और कांति देवी ने बताया कि मतदान केंद्र खोजते-खोजते परेशान थे. एक घंटा बाद सही बूथ का पता चला. तब जाकर अपना वोट डाल पाये. कई लोग तो भटकते रहे. वोट डालने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. इस कारण बहुत से लोग सही जानकारी नहीं होने से वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलते हैं.
मतदाताओं को मिली इ- रिक्शा की सुविधा : सूत्रों के मुताबिक वार्ड संख्या-36 के एक प्रत्याशी द्वारा महिला मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान के लिए इ-रिक्शा की सुविधा मुहैया करायी गयी. इसके लिए प्रत्याशी ने चार-पांच इ-रिक्शा भाड़े पर लिया था.
किन्नर मतदाता का इंतजार करते रहे
वार्ड-50 स्थित मिल्लत गर्ल्स उच्च विद्यालय के मतदान संख्या 50 में कुल मतदाताओं की संख्या 1090 है. इनमें पुरुष की संख्या 565 तथा महिलाओं की संख्या 542 हैं जबकि एक मतदाता किन्नर हैं. किन्नर मतदाता को लेकर यहां चर्चा आम थी. यहां तैनात मतदाता अधिकारी ने कहा जब मतदाता सूची में नाम है तो उन्हें अवश्य आना चाहिए.
दस के बदले Rs 20 भाड़ा चुकाना पड़ा
ऑटो चालकों ने नगर निगम चुनाव का जम कर फायदा उठाया. पटना जंकशन से मीठापुर जाने वाले गाड़ियों में यात्रियों को दस रुपये के बदले बीस रुपये किराया चुकाना पड़ा, क्योंकि यात्रियों की संख्या अधिक थी. बहुत से लोगों को चिलचिलाती धूप में पटना जंकशन से मीठापुर बस स्टैंड की यात्रा पैदल ही करनी पड़ी.
पटना सिटी : 27 जगहों पर बदली गयी इवीएम
भीषण गरमी के बीच वार्ड की सरकार चुनने के लिए रविवार को मतदान हुआ. मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की खामोशी से बेचैन प्रत्याशी व समर्थकों की आपस में दो दर्जन से भी अधिक जगहों पर झड़प हुई. कुछ केंद्रों पर प्रत्याशी भी आपस में भिड़ गये. विधि-व्यवस्था बनाये रखने को प्रशासन ने दस इ रिक्शा, एक दर्जन बाइक व एक स्काॅर्पियो को जब्त कर एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया. मतदान को लेकर वोटरों में उत्साह नहीं था. पटना नगर निगम का चुनाव सिटी अनुमंडल के 26 वार्डों में 458 मतदान केंद्रों पर संपन्न हुआ.
सुबह से ही हंगामा: सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू होते ही बूथों पर हंगामे की खबर आने लगी. दरअसल इवीएम में गड़बड़ी की वजह से यह हंगामा हुआ. कहीं कुछ केंद्रों पर प्रत्याशियों के समर्थक व प्रत्याशी के बैठ जाने की स्थिति में हंगामा हुआ. यह स्थिति वार्ड संख्या 69, 59, 53, 64 समेत अन्य वार्डों में थी, जबकि वार्ड संख्या 69 में लगभग 400 वोटर वार्ड 70 के मतदाता सूची में नाम दर्ज होने की स्थिति में मतदान से दूर रहे.
बदली गयी इवीएम : मतदान से पहले वार्ड संख्या 59 के नौजर कटरा बालक मध्य विद्यालय में बूथ नंबर 17 पर इवीएम में गड़बड़ी पाये जाने की शिकायत दंडाधिकारी डॉ बीडी सिंह ने प्रभारी एसडीओ से की. इसके बाद इवीएम बदल वहां मतदान आरंभ कराया गया.
प्रभारी एसडीओ ललित भूषण रंजन व कार्यपालक दंडाधिकारी उमेश कुमार सिंह ने बताया कि वार्ड संख्या 47 में बूथ संख्या 17 में, वार्ड 49 के बूथ संख्या सात व 14, वार्ड 50 के बूथ संख्या चार, 22 व 27, वार्ड 52 के बूथ संख्या दो व नौ में, वार्ड 53 के बूथ संख्या 18 व 14 में ,वार्ड 57 के बूथ संख्या सात व आठ, वार्ड 59 के बूथ संख्या 17 में, वार्ड 60 के बूथ संख्या 13 व 15, वार्ड 61 के बूथ संख्या चार, 13 व 18, वार्ड 62 के बूथ संख्या छह, वार्ड 63 के बूथ संख्या एक व आठ, वार्ड संख्या 64 के बूथ संख्या दो, वार्ड संख्या 66 के बूथ संख्या दस, वार्ड संख्या 68 के बूथ संख्या पांच, वार्ड संख्या 69 के बूथ संख्या आठ व नौ और वार्ड संख्या 70 के बूथ संख्या14 की इवीएम में गड़बड़ी के कारण बदला गया.
एमरदे अइबे वोट देबे कि गरमी के फेरा में हरा देबे?
जेठ की तपती दोपहरी में जब सूरज अपने पूरे रौ में था, तो उसी वक्त पटना नगर निगम में शामिल हुए वार्ड नंबर 22 बी के एक प्रत्याशी का भी गुस्सा चरम था. सुबह साढ़े दस बजे तेज धूप के साथ ही फोन पर उनकी आवाज में काफी गरमी थी.
….अरे यार ग्यारह बजे वला हऊ तू कब अइबे?…का कहे शाम में? ….बड़ी तेज धूपा है? का यार?
ई गरमी के फेरा में तू हरा देबे का हमरा? अरे तोरा घर में दस वोट हऊ, तू तो हमर पुराना दोस्त हो, चल हम एसी वला गाड़ी भेजते हियऊ, जल्दी आ जिहअ. आवाज में नरमी आयी लेकिन यह नरमी क्षणिक थी. उस प्रत्याशी को जल्दी ही उसका एक शागिर्द यह कहते हुए दूसरा फोन थमा देता है- भैया, इनकरा ही आठ वोट है, अभी लाइन पर हैं, बतियाइए. वोट मैनेजमेंट का यह क्रम हर वार्ड में शबाब पर था.
….देखो दीदी आयी हैं, इनको मिरिंडा दो या माजा : गरमी से छूट रहे पसीने को बैलेंस करने के लिए बूथों तक पहुंचाने के लिए ऑटो रिक्शा, इ-रिक्शा के साथ एसी वाली गाड़ियां थीं.
साथ ही गले को तर करने के लिए ठंडे पानी से लेकर कोल्ड ड्रिंक की व्यवस्था प्रत्याशियों ने अपने ऑफिस में कर रखी थी. कुरजी के ठीक पहले एक प्रत्याशी के ऑफिस में सुबह 11 बजे समर्थकों की काफी संख्या थी. यहां पुरजी बनाने का काम तो लोग कर ही रहे थे, लेकिन उससे पहले वोटिंग का मैनेजमेंट ठंडे पानी और कोल्ड ड्रिंक की वेराइटी से फिक्स किया जा रहा था. अरे देखो दीदी आयी हैं, इनको मिरिंडा दो या फिर माजा और चाची जब कहती कि हम ठंडा नहीं पीते हैं तो उनके लिए निंबू शिकंजी की व्यवस्था.
भारत पाकिस्तान मैच ने डाला असर : सुबह में सुस्ती लेकिन दिन चढ़ते ही वोटरों की संख्या बढ़ती रही. सुबह आठ बजे वार्ड नंबर 22 ए के 14 नंबर बूथ पर केवल 10 वोट पड़े थे, लेकिन सुबह 11 बजे तक इनकी संख्या बढ़ कर 180 से ज्यादा हो गयी. दिन चढ़ने के साथ वोट परसेंटेज इसी तरह बढ़ता रहा, जो दो बजे तक जारी रहा. लोयोला स्कूल में बूथ संख्या 15 पर दोपहर 2 बजे 27 फीसदी वोट पड़ चुके थे. यहां भारत-पाकिस्तान मैच का ऐसा असर पड़ा कि दो बजे की कतार ढाई बजे खत्म हो गयी.
हर वोट महत्वपूर्ण
वार्ड-50 के मतदाता अहमद नौसाद कहते हैं कि रोजा करने के बावजूद इतनी गरमी में अपना वोट डालने पहुंचा हूं. इसी से अंदाजा लगायें कि वोट करना मेरे लिए कितना महत्वपूर्ण है. मेरी नजर में धार्मिक परंपरा का निर्वाह करते हुए समाज व देश के हित में वोट का प्रयोग करना हर व्यक्ति का फर्ज है. समाज के लिए काम करने वाले को उम्मीदवार की जाति, धर्म व क्षेत्र से ऊपर उठ कर वोट करना चाहिए.
आज हर वर्ग है सजग
74 वर्षीय बांस कोठी निवासी रवींद्र प्रसाद वार्ड 42 के बूथ नंबर 24 पर वोट डालने पहुंचे. उन्होंने बताया कि वह पेशे से वकील हैं. जब से होश संभाला है, वोट करते आ रहा हूं. वोटिंग के दिन पूरा परिवार वोट डालने जाता है. आज मतदान में कोई दिक्कत नहीं आयी. सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से हो गया. पहले माहौल अलग था, लेकिन आज हर वर्ग सजग है और वोट डाल रहा है.
अपना फर्ज निभाया
आइडीबीआइ बैंक में असिस्टेंट मैनेजर चंचला भारती ने कहा, मैंने आज अपना तीसरा मतदान किया. इससे पहले किसी कारण से मैं वोट नहीं कर पायी थी, लेकिन इस बार संडे होने के कारण मैंने भी वोट कर जिम्मेवार नागरिक होने का फर्ज निभाया. वोट देकर काफी खुश हूं और यहां का पूरा सिस्टम सुचारु तरीके से काम कर रहा है. वोट करने में कोई परेशानी नहीं हुई.
वोट देने में नहीं लगा डर
उषा देवी ने बताया, पहले की वोटिंग में और आज की वोटिंग में काफी कुछ बदल गया है. पहले वोटिंग करने में डर लगता था, लेकिन अब व्यवस्था में काफी कुछ बदलाव किये गये हैं. घर का हर सदस्य आज वोट करने को आता है. पहले बोगस वोटिंग होती थी, लेकिन आज जागरूकता के कारण सभी वोट डालना अपना अधिकार मानते हैं. मैंने भी अपना वोट डाला, अपने परिवार वालों के साथ.
कोई दिक्कत नहीं हुई
बांस कोठी निवासी संगीता कुमारी बताती हैं कि वोट करने समय से आ गयी थी. गरमी काफी है और ऐसे में लाइन में खड़े होकर वोट डालना बड़ी बात है. वैसे भी वोटिंग एक दिन ही तो होती है, एेसे में लोग इतना एडजस्ट तो कर ही सकते हैं. पहले परची से वोट दिया जाता था, लेकिन अब इवीएम ने काम को और आसान कर दिया है. इस बार कोई दिक्कत नहीं हुई.
चुनाव बार-बार नहीं आता
72 वर्षीय मालती देवी, जो अपने पोता विकास कुमार के साथ राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, राजेंद्र नगर मतदान केंद्र संख्या-24 पर वोट डालने रिक्शा से पहुंचीं. उन्होंने बताया कि बार-बार चुनाव तो आता नहीं. जिंदगी में तो उतार-चढ़ाव लगा रहता है, लेकिन वार्ड की कमान सही हाथ में मिले इसलिए चलने से लाचार हूं फिर भी अपने अधिकार का प्रयोग करने यहां पहुंची हूं.
एक-एक वोट कीमती
90 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी राजेश्वर प्रसाद, जो वार्ड संख्या-42 के मतदाता हैं. वे अपने भतीजे के साथ लाठी के सहारे पैदल अपने घर से निकले और आर्य कन्या विद्यालय में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि जब तक सांस रहेगी तब तक अपने अधिकार का प्रयोग करूंगा, क्योंकि एक-एक वोट कीमती है. हर लोगों को अपने अधिकार का प्रयोग करना चाहिए.
मदद को कोई तैयार नहीं
आर्य कन्या उच्च विद्यालय में वोट डालने आये पंकज कुमार अपना मतदान केंद्र खोज रहे हैं, लेकिन कोई मदद करने को तैयार नहीं है. वे एक घंटे से परेशान है. पंकज झल्लाते हुए कहते हैं कि इसीलिए लोग वोट डालने के लिए नहीं निकलते हैं. काम छोड़ कर सोचा पहले वोट डालते हैं फिर काम करेंगे. लेकिन बूथ की जानकारी नहीं मिली. अब बिना वोट डाले वापस जा रहा हूं.
किसी का भविष्य बनेगा
सुरभि सिन्हा पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने आर्य कन्या उच्च विद्यालय पहुंची थीं. उनके चेहरे पर मुस्कान साफ नजर आ रहा था. अपने मम्मी-पापा के पास आयी मुस्कान ने बताया कि मैं पहली बार वोट डाल रही हूं. मेरा एक वोट किसी का भविष्य तय करेगा. इसलिए मैं काफी सोच-समझ कर वोट कर रही हूं. चाहे व प्रत्याशी जीते या हारे.
रोजा है, पर वोट देना है
महेंद्रू स्थित राजकीय मूक बधिर मध्य विद्यालय के मतदान संख्या-25 में वोट डालने पहुंची 65 वर्षीय मसूदा खातून ने बताया कि मैं रोजा पर हूं तो क्या हुआ. थोड़ी तकलीफ तो है, लेकिन सामाजिक दायित्व को भी निभाना जरूरी है. मेरे एक वोट से किसी अच्छे उम्मीदवार की तकदीर बदल सकती है. इसलिए गरमी होने के बावजूद अपनी बारी का इंतजार कर रही हूं.
Prabhat Khabar Digital Desk
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