गायघाट: पंचायत चुनाव होने के बावजूद, जिले के कई राजनीतिक दिग्गजों की नजर इस बार गायघाट प्रखंड पर टिकी हुई है. इसकी वजह यहां के हाइ-प्रोफाइल प्रत्याशी हैं. इसमें कई ऐसे हैं, जो पूर्व में विधायक बनने की चाहत में चुनावी अखाड़े में उतर चुके हैं. तो दो ऐसी सीटें भी हैं, जहां से स्थानीय विधायक व बोचहां विधायक के रिश्तेदार मैदान में हैं.
यदि विधायक पद के उम्मीदवार रह चुके प्रत्याशियों की बात करें तो इसमें एक नाम है देवेंद्र प्रसाद यादव का है. वे बलौर निधि पंचायत से मुखिया पद के उम्मीदवार हैं. श्री यादव वर्ष 2000 में राजद के टिकट पर व वर्ष 2015 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गायघाट से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वे व उनकी पत्नी पूर्व में इस पंचायत के मुखिया रह चुके हैं.
बरूआरी पंचायत से दो बार मुखिया निर्वाचित हो चुकी आरती देवी चुनावी हैट्रिक लगाने के लिए एक बार फिर मैदान में हैं. वह वर्ष 2010 मे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर गायघाट विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमा चुकी हैं. 2001 में भी आरती देवी के पति श्रवण कुमार सिंह इस पंचायत से मुखिया का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वर्ष 2010 में निर्दलीय व 2015 मे क्षेत्रीय पार्टी जनक्रांति दल से विधायक का चुनाव लड़ने वाले कपिलदेव सिंह भी इस बार जारंग पूर्वी से मुखिया पद के लिए नामांकन किया है. वर्ष
2015 में निर्दलीय विधायक का चुनाव लड़ने वाली अमृता सिंह ने मैठी से पंचायत समिति पद के लिए नामांकन किया है.
जिला परिषद सदस्य रह चुके शंभु सहनी इस बार शिवदाहा पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन प्रखंड के जिन दो सीटों पर लोगों की निगाहें टिकी हुई है, वो है जांता व कांटा पिरौछा. जांता पंचायत से विधायक महेश्वर प्रसाद यादव की भाभो रेखा देवी मुखिया पद के लिए नामांकन परचा दाखिल किया है. वह पूर्व में यहां की मुखिया भी रह चुकी हैं.
वहीं कांटा पिरोछा दक्षिणी पंचायत से बोचहां विधायक बेबी कुमारी की सास रामपरी देवी मैदान में हैं. वह भी मुखिया पद की दावेदार हैं. इस सीट के लिए विधायक की देवरानी संगीता कुमारी ने भी परचा दाखिल किया था, लेकिन पंचायत चुनाव के मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण उनका परचा खारिज कर दिया गया.
पूर्व विधायक प्रत्याशी व मुखिया के सगे रिश्तेदारों के द्वारा पंचायत चुनाव लड़ने से गायघाट में चुनाव की रोचकता बढ़ी हुई है. प्रखंड के लोगों की विशेष नजर इन हाइप्रोफइल सीट पर रहेगी. प्रशासन को भी इन पंचायतों पर पैनी नजर खनी होगी.