मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय परिसर में अंगीभूत कॉलेजों के तीन नियमित सहायक प्राध्यापकों ने गुरुवार को अनशन किया. इस दौरान सात माह के लंबित वेतन की मांग को लेकर आर्थिक रूप से परेशान सहायक प्राध्यापकों ने भिक्षाटन कर विरोध दर्ज किया. इसमें जमालपुर कॉलेज, जमालपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ चन्दन कुमार, एचएस कॉलेज, हवेली खड़गपुर हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार, तथा बीआरएम कॉलेज, मुंगेर के इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ श्याम कुमार शामिल थे.
मुंगेर विश्वविद्यालय के विभिन्न पदाधिकारियों के कार्यालय में जाकर मांगों से कराया परिचित
तीनों सहायक प्राध्यापकों ने अपने अनशन के साथ ”” शिक्षा विभाग, बिहार सरकार भिक्षाम् देहि ”” अंतर्गत टूल किट तैयार किया और भिक्षाम् देहि के अलाप के साथ मुंगेर विश्वविद्यालय के विभिन्न पदाधिकारियों के कार्यालय में जाकर मांगों से परिचित कराया. डॉ चंदन कुमार पीले धोती कुर्ता, केसरिया गमछा, गुरु चादर में थे. उन्होंने कहा कि बिहार की पहचान नालंदा बौद्ध विहार के गौरव से है, लेकिन मुंगेर विश्वविद्यालय की हालत नर्क जैसी बना दी गयी है. विश्वविद्यालय के पास न जमीन है, न यहां के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है. इससे शिक्षक एवं कर्मचारियों की दैनिकचर्या पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है. जबकि सात माह से वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक व कर्मियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. प्राचीन इतिहास के शिक्षक ऐसे हैं, जो 14 महीने से वेतन के लिए इंतजार कर रहे हैं. कई नवनियुक्त शिक्षक केवल इसलिए वेतन से वंचित हैं, क्योंकि कुछ फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र वाले शिक्षकों के कारण बिहार सरकार द्वारा पुनः प्रमाण पत्र जांच प्रक्रिया तक वेतन रोक दिया गया. विश्वविद्यालय भिक्षाटन में मात्र 143 रुपये प्राप्त हुए, जिसे संबद्ध महाविद्यालय के कोष में जमा करा दिया. डॉ सुनील कुमार ने कुलसचिव को इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने को लेकर आ रही समस्याओं से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि नवंबर से वेतन नहीं मिलने से पिछले वित्तीय वर्ष का कर भुगतान नहीं हो पा रहा है. इससे देर से रिटर्न फाइल करने पर 5,000 रुपए का पेनल्टी भरना होगा, जबकि वेतन लंबित होने के पीछे शिक्षा विभाग जिम्मेदार है, तो शिक्षक इनकम टैक्स विभाग का पेनल्टी क्यों भरे. इस दौरान कुलसचिव ने कहा कि शिक्षा विभाग से द्वारा शिक्षक और कर्मचारियों को दो जून तक वेतन भुगतान कर दिया जाएगा.
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