मधुबन. भीषण गर्मी के बीच दिन का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के कारण आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित होने लगा है.वहीं बच्चे आसपास के जलाशयों व नदियों में स्नान करके मस्ती के साथ गर्मी की तपिश मिटाने के लिए स्नान करते दिख रहे हैं. हालांकि नदियों में स्नान करना बच्चों के लिये कभी बड़ा घातक साबित होने लगा है.कई बार नदियों में स्नान करने के दौरान डूबने से बड़ा हादसा भी हुआ है. भेलवा के गुलाब खान गांव में दो व रूपनी के नन्हकार गांव में तीन बच्चों की डूबने से मौत हो चुकी है.गांवों में भी बढ़ा है तापमान: शहरों की अपेक्षा गांव का ठीक रहता था.हलांकि हाल के वर्षों में गांवों में भी तापमान में वृद्धि होने लगी है.जिससे मुश्किलें बढने लगी है.बताया जाता है कि शहर के बाद गांवों में विकास की रफ्तार बढ़ने के कारण पेड़ों की कटाई व कंक्रीट के मकान गांवों की तपिश बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है. क्या कहते हैं पदाधिकारी:बीएओ प्रभात ने कहा कि गांव में पेड़ की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.विकास के नाम पर पेड़ की कटाई हुई है.उसके अपेक्षा पेड़ कम लगा है.
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