जिले को 60 हजार एमटी धान खरीद का दिया गया है लक्ष्य
किसानों से अभी तक सिर्फ 12 हजार एमटी खरीदा गया है धान
औने-पौने कीमत पर धान बेचने को मजबूर हो रहे किसान
मधुबनी : जिले में धान खरीद की सुस्त रफ्तार से किसानों को परेशानी में डाल दिया है. विभागीय स्तर से धान की खरीद नहीं होने से जिले के किसान औने-पौने कीमत पर बाजारों में व बिचौलिये के हाथों बेचने को मजबूर हो रहे हैं. जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है. सरकार व विभाग ने जिले को 60 हजार एमटी धान की खरीद का लक्ष्य दिया था.
लेकिन खरीद में सुस्ती बरते जाने के कारण अभी तक जिले में सिर्फ 12 एमटी धान की ही खरीद हुई है. जिसके कारण अभी तक जिले के खेतों में उपजाये गये धान किसानों के घरों में पड़े हुए हैं या बिचौलिये के हाथों में जा रहे हैं. बिचौलिये किसानों को कम कीमत देकर धान खरीद बाजारों में उंची कीमत हासिल कर रहे हैं.
सरकारी दर पर करना है धान खरीद. किसानों से धान की खरीद के लिए सरकार ने पहले ही निर्धारित कर दी है. जिसके अनुसार ए ग्रेड धान की कीमत प्रतिक्विंटल 1835 रुपये निर्धारित है. जबकि बी ग्रेड धान की खरीद 1815 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदना है. अलग से बोरी की कीमत प्रति क्विंटल 25 रुपये देय होगी.
2101 किसानों से ही धान की हुई है खरीद. जिले के 256 पैक्स व व्यापार मंडलों के द्वारा अभी तक 2101 किसानों से सिर्फ 11 हजार 605 क्विंटल धान की ही खरीद की गयी है. जबकि इन्हीं पैक्स व व्यापार मंडलों को ही 60 हजार एमटी धान खरीद की जिम्मेवारी दी गयी थी.
सीएमआर केंद्र नहीं खुलने से हो रही परेशानी. जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा राज्य खाद्य निगम को पंडौल, बासोपट्टी, उमगांव, हरलाखी व रहिका में सीएमआर केंद्र खोलने के लिए एक माह पहले ही पत्र भेजा गया था. ताकि समय से पैक्स अध्यक्षों के सीएमआर का निष्पादन हो जाय. लेकिन अभी तक एक ही केंद्र खुलने की वजह से लगभग 6 हजार एमटी चावल का समायोजन नहीं हो रहा है. समायोजन नहीं होने से पैक्सअध्यक्षों को धान खरीद के लिए सीसी के एवज में सूद भरना पड़ रहा है. जिससे पैक्स अध्यक्षों में नाराजगी है.