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बिना खेले बाहर हो गये 203 खिलाड़ी

मधुबनी : पंडौल में कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वावधान में हो रहे राज्य स्तरीय अंतर जिला विद्यालय कबड्डी खेल प्रतियोगिता में जिला स्तर पर खिलाड़ियों के चयन में लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया है. इसे अब अधिकारियों द्वारा चयन में अनदेखी कहें या फिर जानकारी का अभाव, खामियाजा राज्य के अलग […]

मधुबनी : पंडौल में कला संस्कृति एवं युवा विभाग के तत्वावधान में हो रहे राज्य स्तरीय अंतर जिला विद्यालय कबड्डी खेल प्रतियोगिता में जिला स्तर पर खिलाड़ियों के चयन में लापरवाही बरते जाने का मामला सामने आया है. इसे अब अधिकारियों द्वारा चयन में अनदेखी कहें या फिर जानकारी का अभाव, खामियाजा राज्य के अलग – अलग हिस्सों से आये 203 खिलाड़ियों को उठानी पड़ी है. ये खिलाड़ी प्रतियोगिता में खेलने आये थे पर बिना खेले ही इन्हें वापस जाना पड़ा.

मामला ओवर एज व ओवर वेट का है. 183 खिलाड़ियों को ओवर वेट के कारण खेल से बाहर किया गया, जबकि 20 को ओवर एज के कारण. सबसे अधिक मामला अंडर 14 में आया है. इससे न सिर्फ संबंधित जिला की किरकिरी हो रही है बल्कि खिलाड़ियों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया गया है. जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर, शिवहर व किशनगंज तीनों फारमेट में खेल से बिना खेले ही बाहर हो गया. इसने जिलास्तर पर खिलाड़ियों के चयन में बरती गयी पारदर्शिता की पोल खोल कर रख दी है.

अंडर -14 में 14 जिले के खिलाड़ी बिना खेले ही बाहर . अंडर 14 में 14 जिला बिना खेले ही खेल से बाहर हो गया है. ये जिला हैं, एकलब्य(सीतामढ़ी),सारण, सीवान, वैशाली, भोजपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मधेपुरा, पूर्वी चंपारण, शिवहर, किशनगंज, दरभंगा, शेखपुरा,
अंडर 17 में चार जिला बाहर . इसी प्रकार अंडर 17 में चार जिला बिना खेले ही बाहर हो गया. इसमें मुजफ्फरपुर, शिवहर, बांका व किशनगंज की टीम शामिल है. जबकि अंडर -19 में मुजफ्फरपुर, किशनगंज व शिवहर के खिलाड़ी बाहर हो गये.
कम से कम छह खिलाड़ी चाहिए खेलने के लिये . मधुबनी खेल पदाधिकारी विजय कुमार पंडित ने बताया है कि कबड्डी खेल के लिये कम से कम छह खिलाड़ी का कोट में होना जरूरी है. छह खिलाड़ी से कम होने पर उस टीम को खेलने का मौक नहीं मिलता है. इस लिहाज से जैसे ही जिले के खिलाड़ियों ने अपना पंजीकरण कराया उनका वेट व उम्र की जांच की गयी. 183 खिलाड़ियों को वेट मानक से अधिक पाया गया जबकि ओवर ऐज की मानक से 20 खिलाड़ी अधिक पाये गये.
अब सवाल यहां पर यह उठता है कि संबंधित जिला से किस आधार पर इन खिलाड़ियों को भेजा गया या फिर किस मानक के आधार पर चयन किया गया. मानक के अनुसार अंडर – 14 में वेट का मानक बिहार गाइड लाइन के अनुसार 48 किलोग्राम है. जबकि नेशनल मानक के अनुसार 51 किलो. टेक्निकल कमेटी के अध्यक्ष आनंद शंकर तिवारी (गया) ने बताया है कि वजन के दौरान दोनों मानक को माना गया. यानी कि अंडर -14 के खिलाड़ी जो 51 किलोग्राम तक के आये उन्हें शामिल किया गया. इससे अधिक वजन के खिलाड़ियों को बाहर किया गया. अंडर 14 में ही कुल 88 खिलाड़ी ओवर वेट में बाहर किये गये. जबकि 16 खिलाड़ी ओवर ऐज में बाहर हुए. इसी प्रकार अंडर 17 में वजन का मानक 54 किलोग्राम है. इसमें कुल 59 खिलाड़यों को बाहर किया गया.
जबकि अंडर – 19 में मानक 65 किलोग्राम है. इस फारमेट में 36 खिलाड़ी ओवर वेट में आये. जबकि 4 खिलाड़ी ओवर ऐज में बाहर हुए. ओवर ऐज में सीतामढ़ी से एक खिलाड़ी, मधेपुरा से एक, कैमूर से एक, शेखपूरा से 4, मुजफ्फरपुर से 4, वैशाली से 4, बक्सर से 1, बांका से 4, सिवान से 5, अरवल से 2, भोजपूर से 2, सुपौल से 2, सहरसा से 2, पश्चिम चंपारन से 2, रोहतास से 4, अररिया से 2, समस्तीपुर से 2, गोपालगंज से 2 खिलाड़ी हैं.
चार दिन के चयन प्रक्रिया के बाद चयन. राज्य स्तर पर आयोजित खेल में शामिल होने वाले खिलाड़ियों का चयन जिला स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करने के बाद किया गया था. जानकारी देते हुए खेल पदाधिकारी विजय कुमार पंडित ने बताया है कि जिला में चार दिनों तक सभी 15 प्रकार के खेल में खिलाड़ियों के चयन के लिये चार दिनों तक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है.
सवाल फिर एक बार उठता है कि क्या जिस जिला के खिलाड़ी इस खेल में बाहर हो गये उन खिलाड़ियों के चयन के दौरान अधिकारी मौजूद नहीं थे. यदि मौजूद थे तो क्या उन्हें मानक की जानकारी नहीं थी. (यह संभावना कम ही लगती है क्योंकि राज्य सरकार ने सभी को गाईड बुक उपलब्ध करा दी थी). यदि जानकारी थी तो फिर क्या बाहरी धन बल खिलाड़यों के चयन में हावी रहा.

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