मधुबनी : नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर शिक्षकों की आशा पर पानी फेर दिया है. हाईकोर्ट में समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग को शिक्षकों के हित में फैसला आने के बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. जिसमें राज्य सरकार के पक्ष में फैसला आने से शिक्षकों में हताशा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर विभिन्न शिक्षक संघ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
संवैधानिक अधिकार से वंचित रहे शिक्षक
बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के जिलाध्यक्ष राजू यादव ने न्यायपालिका के फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि संघ को न्यायपालिका पर विश्वास है. लेकिन निर्णय से शिक्षक मर्माहत हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में काम किया जा रहा है.
शिक्षकों में मायूसी. घोघरडीहा. समान काम के बदले समान वेतन मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आते ही प्रखंड के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों में मायूसी छा गई. नियोजित शिक्षकों को उच्चतम न्यायालय से इस तरह के फैसले की उम्मीद नहीं थी. शिक्षक संगठनों से जुड़े शिक्षक नेताओं ने कहा कि पूर्व में पटना उच्च न्यायालय ने इस मामले में नियोजित शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला दिया था. लेकिन वर्तमान सरकार की गलत मानसिकता के कारण नीतीश सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे दी.
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के जिला उपाध्यक्ष सह घोघरडीहा प्रखंड अध्यक्ष जयप्रकाश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का अध्ययन करने के बाद प्रदेश नेतृत्व उचित कदम उठाएगी. वहीं बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र यादव ने कहा कि संघ के प्रदेश नेतृत्व ने आज के फैसले के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है.