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जनशिकायतों का होने लगा समाधान

लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई से लोगों में खुशी मधेपुरा : बिहार में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू हो गया. इसके साथ ही मधेपुरा जिले में भी अनुमंडल व जिला स्तर पर लोक शिकायत निवारण कार्यालय कार्यरत हैं. इन कार्यालयों में अब शिकायतों की सुनवाई ही नहीं, समाधान होगा. यह […]

लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई से लोगों में खुशी

मधेपुरा : बिहार में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू हो गया. इसके साथ ही मधेपुरा जिले में भी अनुमंडल व जिला स्तर पर लोक शिकायत निवारण कार्यालय कार्यरत हैं. इन कार्यालयों में अब शिकायतों की सुनवाई ही नहीं, समाधान होगा. यह अब लोगों का अधिकार बन गया है. जिन शिकायतों का समाधान नहीं होगा, उससे संबंधित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को लिखित देना होगा. यदि संबंधित व्यक्ति उस फैसले से संतुष्ट नहीं होगा तो वह अपील में जायेगा. अब तक जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में 12 परिवाद दर्ज कराये गये है. वहीं सदर अनुमंडल में 35 परिवाद प्राप्त हुए है.
इनमें से 24 मामले लंबित हैं. वहीं उदाकिशुगंज अनुमंडल में भी 26 मामले कार्यालय में दर्ज कराये गये हैं. इस अधिनियम के लागू होने के साथ ही किसी की शिकायत को कोई टाल नहीं सकता है. अब तक डीएम से लेकर ऊपर तक सुनवाई होती थी. उसकी शिकायत पर कार्रवाई की गारंटी नहीं थी. अब शिकायत पर कार्रवाई की गारंटी होगी. अब उन्हें शिकायतों पर लिखित देना होगा कि किस वजह से शिकायत को अस्वीकार किया जा रहा है.कार्यालय में शिकायत दर्ज करने का समय साढे दस से तीन बजे तक है. इस अवधि में ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जाती है.
शिकायतों पर एक्शन शुरू
जौतेली उदाकिशुनगंज के राधेश्याम मेहता ने लोक शिकायत निवारण कार्यालय में दर्ज करायी है. उन्होंने वर्ष 2014 – 15 में पासवान टोला के 40 बच्चों को पोशाक एवं छात्रवृति योजना से वंचित रखने का आरोप लगाया है. इस मामले की पहली सुनवाई 14 जून को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने प्रतिनिधि भेज कर शिकायत के निवारण के लिए समय मांगा. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा 29 जून तक का समय देते हुए शिकायत का निबटारा कर साक्ष्य के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. सिंहेश्वर के दीपक कुमार ने निर्वाचन कार्य में इस्तेमाल किये गये वाहनों के मुआवजे के लिए परिवाद पत्र दाखिल किया है.
14 जून को इस मामले की पहली सुनवाई के दौरान डीटीओ के अनुपस्थिति के बाद 29 जून को उन्हें हाजिर होकर अपना पक्ष रखने की ताकीद की गयी है. जबकि घैलाढ में वर्षों पूर्व राशि निकासी के बाद भी पेयजल आपूर्ति के स्थल पर कार्य नहीं करने और राशि गबन करने का आरोप लगाते हुए राजीव जोशी के परिवाद पत्र पर 21 जून को सुनवाई निर्धारित की गयी है. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को हाजिर रहने कहा गया है. वहीं जिले के पीएचसी में मुफ्त एक्सरे एवं अल्ट्रासउंड उपलब्ध नहीं होने के मामले में तुरबसु द्वारा परिवाद पत्र दिया गया है. 21 जून को सिविल सर्जन के पक्ष रखने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जायेगी. अनुमंडल स्तरीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय सदर में 14जून को छह मामले की सूनवाई की गयी. कुमारखंड अंचलाधिकारी के कार्यालय में रिश्वत के बगैर कार्य नहीं होने, मुरलीगंज मनरेगा पीओ द्वारा
पंचायत में योजनाओं में गड़बड़ी करने, घैलाढ ब्लॉक के समीप अतिक्रमण करने तथा कुमारखंड में एसडीएम के द्वारा अतिक्रमण के मामले में 133 दप्रस के तहत डिग्री के बावजूद अतिक्रमण मुक्त नहीं करने का मामलों की सुनवाई की गयी. सभी संबंधित पक्षों को 23 जून को उपस्थित रह कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया. वहीं कुमारखंड के रानी पट्टी निवासी नीलम देवी के परिवाद का निस्पादन किया गया. उनका कहना था कि दान पत्र की जमीन की जमा बंदी नहीं की जा रही है. इस मामले में सुझाव दिया गया कि आरटीपीएस के माध्यम से परिवाद दायर करें और विलंब होने की स्थिति में प्रथम अपील एवं द्वितीय अपील करें.

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